QUOTES ON #TODAYSWORLD

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23 JUN 2020 AT 11:38

चंद ख्वाहिशें पूरी उम्र मांगती हैं सौदे में
आजकल सिर्फ पैसा ही बनाता हैं बड़ा, इंसा को ओहदे में।

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3 OCT 2020 AT 8:16

दलितों की =******* इतनी
सामान्य की =*******इतनी

हिन्दुओं की , मुस्लिमो की ....

आज पता चला , उजड़ी हुई इज्जत
जाति और धर्म से नपती है !!

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11 SEP 2020 AT 9:34

नाटक का मंच सा हो गया हैं, अब ये जहां सारा...!
लोग वास्तविकता छुपाकर, बस किरदार निभा रहे हैं...!!

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बड़ा बेदर्द है ये जमाना मेरे दोस्तौ...!
यहां किसी का दर्द नहीं देखते लोग...!
लेकिन दर्द की तस्वीर जरूर खींच लेते हैं लोग...!

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29 NOV 2019 AT 23:45

मोहब्बत के नाम पर अय्याशी सरेआम करते है,
मोहब्बत को मोहब्बत समझे वो लोग अब कहाँ मिलते हैं..

"प्राण जाइ पर वचन ना जाई" अब पढ़ने में ही अच्छे लगते हैं,
इन बातों को निभाने वाले लोग अब कहाँ मिलते हैं..

ये लोग जो दिन में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं,
अंधेरों में ढूंढो कभी देखो कहाँ मिलते हैं...

ये आज की दुनिया है साहेब यहाँ सच भी बिकते हैं,
झूठ को झूठ ही कहे वो लोग अब कहाँ मिलते हैं...

नयी सोच के नाम पर सभ्यता-संस्कृति भूल बैठे हैं,
ये नया युग है साहेब यहां राम-सीता कहाँ मिलते हैं..

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दिल में कोई राज़ छुपा रखा है क्या
खामोशी से लबों को सजा रखा है क्या

जज़्बातों की मुफलिसी में कैसे जिंदा हैं
उन्होंने खुद को पत्थर बना रखा है क्या

दिखाते रहते हैं सभी को हैसियत उनकी
अपनी नजरों में आइना लगा रखा है क्या

सवाल उनसे है जो तारीफ करते थकते नहीं
उन्होंने खामियों को भी अपना रखा है क्या

पल पल रंग बदलते लोगों ने सोच में डाल दिया
खुदा ने इन्हें कोई फरेबी चोला पहना रखा है क्या

सुना है दुनिया अंधेरों में डूब रही है "निहार"
अपने दिल में कोई शम'आ जला रखा है क्या

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19 APR 2020 AT 23:03

पूरी कायनात से हो गई अब दूरियां मेरी,
महंगी पड़ी उस शक्स से नजदीकियां मेरी।

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29 JUL 2021 AT 22:07

बड़ा पीड़ादायक होता है
समस्त संसार का कतरा बन जाना...
असफल प्रेम उदाहरण है इसका

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17 JAN 2021 AT 14:01

Dil ki baat dil me hi rahe to acha hai
Bahar aane baad to logon ki
Saazishe shuru hojaati hai 😅

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4 JUN 2021 AT 12:41

चेहरे पर मुखोटे लिए
भीड़ मे चल रहे है लोग
कौन अपना है कौन पराया
इन्ही सवालो का, दिल पे है बोझ।

सोचती हूँ ऊचाई से गिरकर देखू
शायद मुझे मेरी औकात पता चले,
किस किस के हाथ बढ़ते है उठाने
जिससे मुझे अपना कोई पता चले।

मुस्कुराते हुए मुखोटे अक्सर
झूठ का सहारा लेते है,
गिरगिट की फितरत है इनकी
जब चाहे मुखौटा बदल लेते है।

धीरे धीरे सीख रही हूँ, इन मखौटो को पढ़ना
अब छुपाये नही छुपती इनकी जात और औकात,
क्योकि माथे की लकीरों पे.....
छिपी रहती है इनके दिल की हर बात।

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