मालूम होती तुम्हारी फितरत, तो तुमसे इश्क नहीं करते ।
तुम जिस्म के शौकीन, मुझे कैसे समझते ।
और तुम सोच भी नहीं सकते, तेरे वजह से मेरी क्या हालत हुई है ।
किन-किन जगह किन-किन के सामने, मैंने अपनी इज्जत गंवाई है ।
आंखे तो ठीक है , मेरी रूह तक रोई है।
जाओ अपनी बाहों में गैरों को सुलाना ।
सुनो वापस किसी को कसमें वादों का झासा देकर धोका मत दे डालना।
अपनी बहन सबके लिए प्यारी होती है, दूसरों की बहन के बद्दुआ लेकर अपनी बहन को तकलीफ मत दे डालना ।
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