ठडीं हवा के मजे
ख़ामोशियों कि महफ़िल ।
चाय कि चुस्की का शोर
बैठे थे दो कुंवारे दिल ।
इशारों ने पहल करदी
गलती से आंखें गयी मिल ।
फिर तो कत्ले-ए-आम ही अंजाम था उसका
पर उफ तक ना करा कातिल ।।-
जब कभी मेंरी व्यक्तितव की गलत परिभाषा दी जाती है न......तो बस उनकी नादानगी पे मुस्कुरा के चुप रहना ही बेहतर समझते हैं और प्रतिक्षा करते है कभी तो होंगे वो रूबरू हमारे व्यक्तितव के वास्तविकता से ।
(Take this as my short intro)
Note:- READ MY PROFILE 1ST then read my Qoutes!!
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❤👇👇👇ABOUT ME👇👇👇❤
मै रहूँ या न रहूँ पर ये वादा है मेरा मेरे लहू का एक एक कतरा इंकलाब लाएगा, मेरी जब अर्थी उठेगी शाहदत बन जाएगा,
किसी ने क्या खूब कहा है दिल में तुफा आखों में दरिया लियें बैठे है न पुछो हमसे हमारी कहानी हम अपनी पूरी जिंदगी वतन के नाम किये बैठे है -हाँ हम भी अपनी पुरी जिन्दगी वतन के नाम किये बैठे है।
ना मेहदी ना डोली सिर्फ और सिर्फ इनकलाब की बोली ।।
वन्दे मातरम् 🙏🇮🇳🙏
❤Jai hind jai bharat ❤
NOTE:- NEW YourQoute ID
Woh khrab ho gai !!-
'LOVE' और 'प्रेम' की वार्ता
💝
तुम अंग्रेज़ी की 'लव-शव' सी
मैं हिंदी की 'प्रेम' सी हूँ
तुम रोमियो जूलिएट की स्मृतिचिन्ह
मैं मेरे राधा-कृष्ण की देन हूँ
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मेरी कलम तुम्हारा इंतज़ार कर रही है,
कि तुम आओ तो कुछ लिखा जाए,
जब जाओ तो कुछ और लिखा जाए।-
तुम लाल तो मैं सफेद रंग थी,
बस मेरी इतनी सी ही भूल थी,
तुमसे मिलकर मैं भी लाल हो गई थी,
तुम तो अपना रंग लिए चले गए,
और मैं तुम्हारे रंग में रंगी लाल ही रह गयी,
शायद यही प्यार की मेरी भूल थी।-
इतना चाहा हमने तुम्हे कि हम बर्बाद हो गए
फिर भी ना शिकवा हमें तुम किसी गैर के हो गये
( अरुण शर्मा )-