आज है कल का पता नहीं
जिंदगी छोड़ो एक पल का पता नहीं ।
परेशानियों का जाल है ये इश्क़
मसला भी ये है कि हल का पता नहीं ।
गलतफहमी है के निकल जाएंगे
पर इश्क़-ए-गहराई दलदल का पता नहीं ।
कह तो दोगे कि जान बाकी है अभी
और जिस्म में एक हलचल का पता नहीं ।।-
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I write because pen can't write by itself .
I know you love me ..... read more
आखरी मुलाकात तुमसे इतनी गहरी रही
में तो लौट आया पर रुह वहीं ठहरी रही।।-
ये जो बर्बाद होके सड़क पर आगये कुछ लोग
जरूर तेरे शहर में शहद का कारोबार करने निकले होंगे।।-
बोलते तो सब है लेकिन बातों में तर्क होना चाहिए
मुहब्बत और क़ातिल में थोड़ा तो फर्क होना चाहिए ।।-
बातें तो हम कर लें तुमसे सारी रात भर
फिर ये ज़ालिम लोग कहेंगे सुबह सुबह नशें में हूं।।-
मन्नत में तुम मिन्नत में तुम
खुदा कि बनायी हर जन्नत में तुम ।
और कोई कसर छोड़ी कहा तुमने
मेरी मशक्कत में तुम मरम्मत में तुम ।।
और जो बचा वो तकदीर के हवाले
मेरी फितरत में तुम हसरत में भी तुम।।।-
बची कुची जिंदगी अपनी मस्ती में जी लेंगे
बशर्ते उनकी याद आए उस से पहले पी लेंगे।।-
कायदे के गरीब है हम जरा करीब से देखो
जस्बात भूखे हैं और दिल भी लाचार सा है।।-
कभी फिजूल में भी नहीं आएंगे तेरी गज जमीन पर
और जब भी आना होगा कोइ ना कोई सौदा करेंगे।।-
Tu hi bta ... Baat kis kissm ki karu... Ya tere jissm ki karu... baat karte karte fir uthi meri najar or dikhe tere hothh (lips) ... Jese barsaat k mausam me jaam ka pehla shot .. tu hi bta ..tu hi bta.. abhi islie utha tere hothho ka kissa hai... Kyu ki ye bhi tere jissm ka ek ahem hissa hai ... Tu hi bta ..tu hi bta... Or bas mujhe kehna yeh hai... K jo tere hothho ka akaar hai kuch is prakaar hai... Ki me me wese to tha is mohabbat k khel se bohot dur ..par inhne chumne k liye mujhe tera ishq bhi karar hai... Tu hi bta ..tu hi bta...
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