दे तो देंगे सियासत वाले हर इक मौत का जवाब
क्या ही लगाएंगे बहा जो हर माँ के लहू का हिसाब
-
इश्क़ गर वतन से हो तो दमदार होना चाहिए
लहू का एक - एक कतरा यहां कर्जदार होना चाहिए।-
इंसानियत से बढ़कर जहां में, कोई रूबाब नहीं होती,
किसी भी मजहब में कभी, नफरत की फ़रियाद नहीं होती;
मासूमों का कत्ल़ कर, जन्नत की तलाश करने वालो ज़रा सुनो,
वतन पे कुर्बान होने से बढ़कर कोई जिहाद नहीं होती।
🖋️🖋️🖋️ Kumar Anurag
-
खूबसूरतीको अक्सर हमने भटकते हुए देखा हे|
हां,
मेने इन चंद अल्फाज़ोमें काश्मीरको लिखा हे|-
बंदों के गले ये जो ज़िबा करने चले हैं,
रूठे ख़ुदा को और ख़फ़ा करने चले हैं,
मज़हब के नाम पर भी गुनाह करने चले हैं,
नासूर हैं जो ख़ुद, वो दवा करने चले हैं।
आमाल नीच हों तो ख़ुदा कैसे पाएंगे,
दुनिया से, दीन से भी औ' जन्नत से जाएंगे।
ज़िल्लत नसीब में ये ख़ुदा ने ही लिखी है,
रब की नाराज़गी है, जो इनको न दिखी है।
अल्लाह ख़िला रहा, पिला रहा, जिला रहा है,
उसको भला किसी से कभी भी गिला रहा है?
ख़ूँरेज़ हों जो ख़ुद वो दीन क्या बचाएँगे,
इंसानियत मज़ीद ये नीचे गिराएँगे!
ऐसे ख़ुदा परस्त से ख़ुदा ही बचाए
दुनिया पे नफ़रतों कभी आँच न आए।-
One can never be 'faithful' to 'almighty'
by becoming 'faithfool' for 'humanity'.-
जिहाद खुद से था तेरा,
ओरों को क्यों रुलाया?
बस इतना बता दे मुसाफिर,
इस तरह जन्नत जाके भी तूने क्या पाया?-
Should we bask in the glories of surgical strike...
While our soldiers continue to shed their lives?-