Tere Naam se mohabbat ki hai
Tere ahsaas se mohabbat ki hai
Tum mere pass nahi
Phir bhe tere Yaad se mohabbat ki hai
Tumne bhe mujhe Yaad Kia ho ga
Maine un lamhaat se bhi mohabbat ki hai
Tumse milna ik khawb sa lagta hai
Mene tere intzar se mohabbat ki hai
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Tere liye likhna acchha lagta hai mujhe
Tujhpar likhna accha lagta hai mujhe
Meri kalam bhi tujhse ishq kar baithi hai
tere liye likhna accha lagta hai ise
Mera man bhi tujhe har pal soche
tere hi khyalon mein khoya rehta hai
Teri hi baaton ko piroya karta hai
Kyuki,
Tere liye likhna accha lagta hai-
गुजरे मेरे अंधेरे
तुम्हे छूकर सवेरे हो गए ,
क्या जादू है तेरे वजूद में ,
हम बेवजह ही
तेरे हो गए ...-
मोहब्बत और ज़िंदगी दोनों बिन सोहबत ए महबूब अधूरी और बिन चैन के रहते हैं।
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काश ..🤗🤗
मैं तेरे ,
घर का आइना होता ,
हर रोज मुझे तेरा ,
दीदार तो होता..!!!!
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महसुस करोगे, तो कोरे कागज़ पर भी
नज़र आ जाएँगे हम...
हम अल्फ़ाज हैं तेरे, जो तेरे लफ़्जों मेंढलते चले जाएँगे...-
मोहब्बत “क़र्ज़” जैसे है चुकाना
सीख जाओगे
दिलों पर “फ़र्ज़” जैसी है निभाना
सीख जाओगे
थोड़ी वक़्त जैसी है बीताना सीख
जाओगे
कभी जो दिल में हम जैसे आ बैठें तो
क़सम से जमाना भूल जाओगे
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जब से जिए है कुछ पल उसकी बाहों में, कुछ और अब अच्छा नहीं लगता...-
तेरे जाने के बाद जिंदगी बेरंग सी हो गई
इसमें रंग कोई भर ना सका..
तेरे जाने के बाद औरो को मौके दिए
पर कम्बख़त इस टूटे दिल में कोई रह ना सका..
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उसने मुझे कुछ उधार दिए थे,,
झूठा ही सही मगर प्यार दिए थे,,
धोखा की अगर बात करू मैं,,
एक बार नहीं हर बार दिए थे,,
किस्तों में ही सही उसके कर्ज लौटा दूंगा,,
मैं हमेशा से उससे ही प्यार किया है यह बता दूंगा,,
मुझे एक दिन याद करेगा तू,,
सच क्या जब जाता दूंगा,,
आज कुछ कर्ज रख लो तुम,,
अब दिल से मैं भी उतार रहा हु,,
तुमने वफा के बदले बेवफाई दिखाई,,
हर वक्त हर पल खाता ही दिखाई,,
मेरे इस बार भी साथ न छोड़ने का झूठा वादा किया,,
फिर से फितरत पुरानी दिखाई,,-