वो लड़का अल्हड़ आशिक़ आवारा तो नहीं
पर न जाने किस बात की ज़िद्द लिए बैठा है...
यूं तो है वो खुली किताब सा शक्स
पर न जाने बीच पन्नों में कितने गहरे राज़ लिए बैठा है....-
मेरे जख्मों ने मुझे नई पहचान दी हैं
अब मत पूछिए जनाब जिंदगी ने क्या नही सौगात दी हैं....
हमसफ़र, हमनशी न हमदर्द से कुछ होगा
ये जज़्बात हमारे है और इनका कत्लेआम सिर्फ हमसे ही होगा........-
मुसलसल है ख्वाहिश उसके साथ रहने की
आरजू आज भी उससे बात करने की
भ्रम है उसका की वो गुरूर से दिल जीत जाएगा
अब उस नादान को कौन समझाए ..
जीतने वाला महज़ नज़ाकत से दिल में बस जाएगा....-
क्यों दिख जाते हो तुम मुझे इन ख्वाबों में..
कहीं गुमशुदा हो जाओ ना..
रुखसत तो तुम जिंदगी से हो गए थे..
अब इन यादों को भी अपने साथ ले जाओ ना..-
तुम मेरे ना हुए इसका कोई मलाल नहीं
तुझे खोना मेरा कोई पहला दर्द नहीं....
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मेरी महफ़िल की शुरुवात तेरे मेरे किस्सों से हो गई
तू मेरी हर पूजा में मांगी एक दुआ हो गई..
तेरा मेरा रिश्ता एक नासुलझी पहली सा बन गया
पर तू मेरे हर उलझे सवाल का जवाब बन गया.....-
अब प्यार कि कहानियों का सिलसिला खत्म हो चुका है
अब तो किस्सा हुआ करता है..
बातें तो पहले हुआ करती थी
अब तो सिर्फ दिल से बात करने का दिखावा हुआ करता है..-
आज बहुत अलग सी महफ़िल है
इस अकेलेपन में भी अकेला सा लग रहा है..
की मिल्कियत का दबदबा तो नहीं था रिश्तों में
पर ना जाने आज रिश्तों को वक्त नहीं मिल रहा है....-
"chalo baad mein baat karte hai wali duniya mein"
Tum mere aur sunao banna..-