कसूर मेरा नहीं मौसम की शरारत है
एक खास शक्स के साथ चाय पीने की चाहत है......-
बारिश पर चाय तो घड़ी भर की शिद्दत है
जब जी आयेगा लबो से लगाऊँगा
ना मौसमी आशिक हूँ ना मौसमी मोहब्बत हैं...-
रख लेंगे एक मुलाकात फिर से चाय पर
हमे छोड़ा आपने है जनाब चाय ने नहीं-
लोग चम्मच भर शक्कर डालकर पी रहे थे.....!!!
मैंने अपनी चाय उसे चखा कर पी ली....!!!
#International_tea_day🍵
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बैठक के कोने पड़े दीवान पे रजाई में आधा घुसे पैर और माथे पे कश्मकश की सिलवटें बाईं गाल पे हथेली की चाप
और फिर ऐसे में अचानक कांच के प्याले में कुल्हड़ में कांसे की तश्तरी में जि़न्दगी का छनकर आना #tea_day-
अब क्या घर से बाहर निकलना भी बंद कर दूं??
जहाँ भी देखती हूं तुम हीं दिखते हो...-
'त्याच्या' येण्यासाठी आतुरली बशी,
लाजून लाल झालेली नवरी जशी...
न राहवुन मग कपाने 'त्याला' केलं मोकळं,
अन त्यांच्या मिलनाने तीसरच कोणीतरी मनात हसलं...
'त्याला' थांबण्याचा बशीने खुप आग्रह केला,
पण कर्तव्यापोटी 'तो' तिसर्याच्या जिभेवर विराजमान झाला...
वाफळलेला चहा☕-