मुझे लहजे खफा करते हैं अक्सर.....
लफ़्ज़ों की परवाह किसे है😎✌️-
समझा ना कोई तसव्वुर के फ़रेब-ए-रंगी को
शबिस्ताँ नया लिबास बदल के आयी है-
"تصور" بھی کرون اب تمہارا, "ماجرا" "حقیقت" ہو جاتا ہے
"فرق" بھی نہیں پڑتا ان "پلکوں" پے, "چہرا" بھی تمہارا آتا ہے
"तसव्वुर" भी करूँ अब तुम्हारा,"माज़रा" "हक़ीक़त" हो जाता है
"फ़र्क़" भी नहीं पड़ता इन "पलकों" पे, "चेहरा" तुम्हारा आता है
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उसके तसव्वूर में ही.,
मेरा सारा जहाँ छुपा हैं....,🥰
फिर भी पता नहीं.,
न जाने वो कहा हैं....,🥺-
तसव्व़ुर के इस तलातुम में चल खो जायें मीत मेरे
मैं बन जाउंगी राग तेरी व तुम बन जाना गीत मेरे।।
प्रेम रस की ताल को छेड़ेंगे हम मिलकर कुछ ऐसे
मैं बन जाउंगी संगीत तेरी व तुम बन जाना जीत मेरे।।
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हासिले-तसव्वुर से हासिल हुआ है फ़न ये,
उसके ख़्याल उसकी मौजूदगी से कम नही होते..!!
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Rehne do mujhe khayalon ki iss gehraaiyon mein.......
Rehne do mujhe khayalon ki iss gehraaiyon mein.......
ki bharr aahke Tasvvur nahi hota inn aankhon ko....😙😙-
तसव्वुर में वो
कुछ इस क़दर छाया है
आईना जो देखुँ तो
अक्स उनका ही नज़र आया है
यूँ बस गए हैं वो तसव्वुर में कि
खुली आँखों से हर जगह बस
इक वही चेहरा नज़र आया है-
प्यार अगर सच्चा है तो तेरा ख्याल भी हकीकत बनेंगा,
तस्सवुर में मिलता वो चेहरा भी तकदीर बनेगा...-
यूं भी हो कभी कि मैं बस तसव्वुर करू
तेरा औ तू मेरे रूबरू हो जाए-