Sheetal's Thought Catalog   (शीतल रघुवंशी)
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Joined 27 June 2020


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जो धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलने को शान समझते है और अपनी मातृभाषा ‘हिंदी’ में गलत उच्चारण करने या लिखने में उन्हें जरा भी लाज नही लगती, अपितु गर्व की अनुभूति करते है
उन सभी महानुभावों को भी ‘हिंदी दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं!



शीतल रघुवंशी @ sheetals_thought_catalog

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15 JUL 2023 AT 21:10

मरता नही कोई किसी के जाने से लेकिन
जिंदगी फिर जिंदगी सी भी नही लगती ...

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15 JUL 2023 AT 21:06

फूल मसल दिए जाते है पैरों तले और कांटों से लोग बचकर चलते है, इसका मतलब साफ है परिस्थितियों के अनुसार व्यहवार करें

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13 JUL 2023 AT 15:49

थोड़ा सा ख़ुद में ख़ुद को भी रहने देना
प्रेम का अर्थ अस्तित्व का तर्पण करना नही होता।

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26 JUN 2023 AT 0:37




जीवन सागर में प्रेम कागज़ की नाव की तरह होता है....

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22 JUN 2023 AT 0:03

जीवन ऊर्जा सा है वह,
अदृश्य है किंतु थोड़ी देर भी पास न हो, तो साँसे मानों देह का साथ छोड़ने लगती है...

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11 JUN 2023 AT 10:05

तुम जरूरी हो सांसो कि तरह
दूर इतना कि चाँद लगते हो....

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15 MAY 2023 AT 15:04

प्यार में धोखा खाने के बाद इंसान शायद वही महसूस करता होगा, जो आसमां में उड़ने वाला परिंदा जब घायल होकर धरा पर गिरता है तो सोचता होगा।

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15 MAY 2023 AT 14:58

सुनो,
महज़ ज़ख्म देने से क्या होगा उनपर नमक लगाने का हुनर भी सीखो..

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19 APR 2023 AT 7:26

चले आओ कुछ इस तरह
कि जैसे रात ढलने के बाद
सुबह आती है...

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