जाते वक्त वो अपनी तस्वीर ले गई।
मेरे ही हाथों से मेरी तकदीर ले गई।।-
कैद हैं मेरी आंखो में बहुत सारी तस्वीरें तेरी
जो बिना मिले हम दोनों ने एक साथ बुने थे
जो पूरा भले ही नहीं हुए पर जिया कुछ पल तो
इनके सहारे।
मोहब्बत जैसी भी हो बिना ख्वाबों के अच्छी नहीं
लगती छोड़ जाए जब कोई इंसान आपको
इन ख्वाबों के सहारे जीने तो आपको देती हैं।-
ना थोड़ा कम ना थोड़ा ज्यादा किया जाए,
जितना हूं मुझे उतना ही रहने दिया जाए।
तस्वीरें मुसलसल सवाल पूछा करती हैं मेरी,
बताओ 'राज' अब तुम्हारे साथ क्या किया जाए।
-rajdhar dubey-
तुम्हारी नई तस्वीर दिखी हमें,
बहुत खुश लग रही हो उसमे,
लगता है अब भूल गई हो हमें..
या नौटंकी कर रही हो उसमे...-
Teri tasveer rakh ke aankhon mein kab tak jiyenge hum.
Tujhse naummid hoke Khuda se fir kya chahenge hum.-
Bejaan hai magar har Tasveer bolti hai
Sachchaaiyaa Muqarrar Tasveer bolti hai
Jhoothi hui hai jab se is Dehr ki Zabaanei
Dushman hai kaun Yaavar Tasveer bolti hai
Bebas Ghareeb khoo'n me lathpath pada hua hai
Kisne lagaai thokar Tasveer bolti hai
Badkaam ko tumhare kitna chhupaaoge tum
Jitni bhi daalo Chaadar Tasveer bolti hai
Musa Kitaab uthaakar dekho pata chalega
Ye Shehr kyu hai Banjar Tasveer bolti hai-
Itni nahi dhundhli huyi yaadein
tumhari abhi zehen se...
Ki hum kuch likhein aur tumhari
tasveer ubhar kar na aaye...-
कौन कहता है, की तस्वीर बात नहीं करती ।
जवाब हर सवाल का देती है, बस... आवाज नहीं करती ।।-
किसी की याद में आसमा को रोते देखा था
तस्वीर धुंधली सी थी और धड़कन सी बूंदे टकरा रही थी
समा बंधा था.. पर
कश्म-कश में अधूरा खुद को पाया था ।-