इक दौर था मुझको, यहाँ पहचानते थे सब।
मैं बन गया हूँ अजनबी, अंजान हैं ये सब।।-
होगी इतिहास के पन्नों में दर्ज,
ऐसी इबारत हूँ मैं।
करोड़ों कंधों पे खड़ी,
भरोसे की इमारत हूँ मैं।।
सुनो, मेरी आवाज सुनो,
करो, मुझपर गर्व करो।
जिद पे अड़ा, जम के लड़ा
शिखर पे खड़ा, भारत हूँ मैं।।-
मेरी गजलें, मेरी नज्में,
मेरी शायरी, मेरी मौशिकी, सब तुम ही हो।
मेरी अमानत, मेरी जमानत,
मेरी मोहब्बत, मेरी आशिकी, सब तुम ही हो।।-
2022 TO 2023:-
वक्त वक्त की बात है.....!!
कभी हम भी नये थे! 😇
कभी तुम भी पुराने होगे!! 🙄-
हो ज्ञान अंकुरित बुद्धि पटल पर,
जो विस्तृत हो हर माली में।
रहें हरे-भरे सब उपवन,
और पुष्प लगे हर डाली में।।
हो पवित्र सबका अंत: मन,
शुभ दिन की खुशहाली में।
हो प्रकाशमय जीवन सबका,
इस दीपों की दीवाली में।।-
हो तो जाऊँ मैं भी किसी और का....❤
पर मोहब्बत के लिए मेरा दिल अब हामी नहीं भरता 😌-
बाँध लो हाथों में कितनी भी घड़ियाँ तुम.....🕒
पर वक्त तुम्हारा कभी नहीं होगा। 😷-
लाचार हैं कुछ बहनें,
मजबूर हैं कुछ भाई।
राखियों का ढेर है,
पर सूनी है कलाई।।-
अब बिछड़ जाना ही बेहतर,
तेरे ख्वाबों से।
अब गुजर जाना ही बेहतर,
तेरी यादों से।।
खाईं थीं कुछ कसमें हमने,
रश्म-ए-वफा के लिए।
अब मुकर जाना ही बेहतर,
उन वादों से।।-