तुम्हे मालूम नही,तुम अपनी औकात दिखा रही हो,
खुद बदतमीज़ होकर,मुझे तमीज़ सीखा रही हो।
रिश्ते बचाने के लिए तोड़ा हो जिसने उसूलों की कैद,
आज रिश्तों की कद्र करना तुम उन्हें सीखा रही हो।-
हमें तमीज़ बताने वालों कभी अपने गिरेबाँ में भी झाँक लो,
उम्मीद-ए-माफ़ी रखने वालों कभी ख़ुद भी माफ़ी मांग लो।।
-
बेशक शब्द कड़वे हैं ,
लेकिन मैं बद्तमीज नहीं हूं।
जो चुप रहकर बुरा बनने की हिम्मत रखे,
मैं तमीज वही हूं।-
वो आज हमसे राह में...यूँ ही टकर गए...
उन्हें देखते ही आँखें... आबशार हो गई...
मुझे देखते ही उसने...अपना मुँह घुमा लिया...
मुझे बिगाड़ने वाली...तमीज़दार हो गई...👌👌-
Tameezdar or seedhy hone ka sabse bada nuksaan yah hai ki hazaaron baatein dil me hi rah jaati hain.
-
Tameez Aur Zameer Jis Insan
ME HO,
Us Insan Jaisa Khubsurat Koi
Insan Nahi Hai...-
Woh hume muhabbat ki tehzeeb sikha rhe hain
Hum toh nafrat bhi tameez se krte hain-
Ayse Logon Se Hum
Kam Hi Rakhte Hain Rabta...
Jinka Tahzeeb-O-Tameez
Se Na Ho Koi Wasta...-