किस्त भरते भरते तेरी ज़िन्दगी.सकूं का
कहीं मेरा वो कच्चा मकांन नहीं मिला.
बिकबाली में कट गये पेड़ ज़मीं के. फिर
मेरे आँगन में मुझे वो नादाँन नहीं मिला.
शामों शहर जिसका ही ख्वाब देखा मैंने
सपने में भी मुझसे वो इंसान नहीं मिला.
कह रहा कोई के खस्ता हूँ ख्याल मै भी.
वफा के काबिल कोई ईमान नहीं मिला.
इल्जाम शहर पर तलाशी हमारी भी हुई.
दो वक़्त की रोटी का मेरे घर में उन्हें
सामान नहीं मिला.
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17 MAY 2021 AT 11:25
15 JUN 2020 AT 10:01
रत्तीभर भी संवेदना उनके साथ नहीं है।
FULL PIECE IN THE CAPTION-
26 AUG 2020 AT 9:11
दर्द भरे आवाज़ से वो,
चीख रही, चिल्ला रही है।
'भूख' मिटाने के लिए,
'भूख' किसी का मिटा रही है।।-
28 JUN 2020 AT 7:48
The worst part
of being an orphan is ..
You'll get sympathy ,
in place of love and care ,
all your life ..
Sometimes not even that ...!❤-
8 DEC 2019 AT 11:17
I Have A Lot Of Issues But
Atleast I'm Not Dramatic & Sympathy Seeker.-
12 FEB 2020 AT 9:58
We live in a world where sympathy is preferred over help in next plan of action.
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23 JUN 2018 AT 9:31
जिसकी खुशियों में ख़ुश होने का हक हमें जिससे जियादा था...
इंतजार करते रह गए हम उसका हमें ख़ुश देख पाने का !!
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