गलत लोगों के लिए मेरा स्वभाव तीखा है
पर सारे हरफों को मैंने तोल कर लिखा है
एटीट्यूड के नाम से खरे बनते है वो लोग
जिनका अस्तित्व इज्जत का भूखा हैं
मगर हमको तहजीब सिखाते है वो लोग
जिनका खुद का स्वभाव बहुत रूखा हैं
अपने शब्दों से गंदगी फैलाते है कुछ लोग
कोई भी अनजान नहीं वो सबने देखा है
वो पहले से ऐसे थे, किसको गलत कह दूँ
ऐसे लोगों से मिलना मेरी हाथो की रेखा है
'कपिल' जिसको ना देखो अच्छा है क्यूँकि
हर किसी के रेनकोट का चेहरा अनोखा हैं-
Main swabhav ka Shatrughan hoon
per shatru nahi.
मैं स्वाभाव का शत्रुघन हूँ,
पर शत्रु नही।-
हां मैं ख़ुश हूं, क्योंकि ये मेरा स्वभाव है...
खुशियाँ मुझसे आ के मिलती हैं, क्योंकि मेरा प्रभाव है-
Dil ke saaf aur swabhav ke sakht hai hum .......jii janab mahadev ke bhakht hai hum
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सुन ले चैतन्य!🧘♂️🧘♀️
गर होना है.....???
भव से परले पार....तो
ना किसी अभाव में!
ना किसी प्रभाव में!
ना ही परभाव में!
रमना है सुभाव में.....
निज स्वभाव में.......🧘♂️🧘♀️
स्वभाव से ही
प्रेम हो हमारा
और
स्वभाव में ही
क्षेम है हमारा।
पुरुष प्रकृति में रमना ही,
मोक्ष है,सार है... और
अन्यत्र रमना ही
भ्रमना है
मोह है, संसार है!!-
😊😊 आजची तारीख 😊😊
😊😊😊( ०१*०७*२०२० )😊😊😊
________ ●एक-साथ-वीस● ________
आपली साथ अशीच असू द्या।
★★★★Akshay11★★★★-
Apne swabhav se tez kahelati hu
Yuhi nai sabki ankho me chubti jati hu-
इंसान तो सिर्फ एक है,
मगर समाज अनेक हैं।
समाज पैसे और रूतबे का,
समाज दौलत और शौहरत का।
समाज छूत-अछूत और भेदभाव का।
समाज अच्छे और बुरे सुझाव का।
समाज क्रूर और निर्दयी स्वभाव का।-