QUOTES ON #SUKHAGULAAB

#sukhagulaab quotes

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25 AUG 2021 AT 21:54

आज जब पन्नों को पलटते हुए
एक सूखा हुआ गुलाब देखा
तो सहसा ही होंठो पर मुस्कान बिखर गई
ये वही पहला गुलाब था
जो तुमने मुझे इजहार में दिया था
सच कहूं उसी पल मैंने ज़िन्दगी को जिया था
पन्नों पर पंखुड़ियों के जो निशान हैं
तुम्हारे बेइंतिहा प्यार की पहचान हैं
वो तड़प प्यार की वो कशिश
बेचैनी का आलम वो जूनूनी ख्वाहिश
वो दिन भर एक झलक को मचलना
वो सुबह के इंतजार में करवटें बदलना
वो छुप-छुप के तुम्हें ख़त लिखना
वो छत पे चोरी से मिलना
मेरे लिए कुछ न कुछ बना के लाना
वो अपने हाथों से खिलाना
ज़माने के तुम हर सितम सह गए
और आज मेरे हमसफ़र हो गए
ऐ मेरे सफ़र मेरी मंज़िल
आओ फिर से जियें वही पल
तुम गुलाब मैं किताब हो जाऊं
बंद हो कर बस तुम में खो जाऊं
प्रेम की बारिश में यूं मुझे सराबोर कर दो
जुदा न कर सके कोई पन्नों में वो रंग भर दो...

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10 AUG 2018 AT 17:30

Jaana tum mujme kuch iss tarah samil ho
Jese
Me kitaab or tu usme rkha sukha gulaab
Besak sukh gye ho
Lekin humesa mere ho
Mere paas ho

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17 OCT 2021 AT 18:49

यूँही पन्नों में रखे किसी फूल की तरह
गुमनाम हूँ मैं, उसकी खुशबू की तरह
वजूद क्या है मेरा शायद भूल गई हूँ...
मैं अब उस सूखे फूल के पत्तों की तरह
हर पल बिखर रही हूँ...
एक अतीत की याद थी कल तक मैं
आज हवाओं के साथ कहीं बह रही हूँ...

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2 OCT 2020 AT 14:32

सूखे पत्तो 🍂के तरह मत बनाओ
अपनी ज़िन्दगी
नही तो दुनिया🌐 मै ऐसे लोग बहुत है,
जो बटोर कर आग🔥लगा देंगे ...

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29 JAN 2020 AT 13:54

सुनो!!
मैं तुम्हारा सूखा गुलाब
वापस करती हूं
तुम मेरा फटा लिफ़ाफा
वापस कर सकते हो क्या??

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22 NOV 2021 AT 20:47



मोहब्बत का हक़ नहीं ज़िन्दगी का हिसाब दे दो।
हाँ इन धड़कनों में धड़कते दिल का ख़्वाब दे दो।।

थक गई हूँ ज़िन्दगी से काँटों पर चलकर,
चन्द वफ़ा के बदले एक सूखा ही ग़ुलाब दे दो।

सबकी नजरों में मैं कतरे की मानिंद हूँ,
मैं तिश्नगी में हूँ पीने को शराब दे दो।।

मैं मोहताज़ जरूर हूँ पर इंसानों से उम्मीद नहीं,
मुझे रोटी का टुकड़ा नहीं अज़ाब दे दो।।

ये जो रिश्तों में सौदे बाजी करने लगे हो,
जितनी भी हारी हूँ उसका हिसाब दे दो।।

Shabana khatoon


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21 JUN 2020 AT 1:00

उन पुराने किताबों से आती है खुशबू तेरी,
जिसमें तेरा दिया हुआ गुलाब सूख गया है।

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7 FEB 2020 AT 11:42

Mere diya wo gulab jo
tune apni diary k panno
k bich rakha tha sayad
wo ab sukh gaya honge
magar uss sukhe hua
gulab se bhi mere pyar ki
khushbu aaj bhi jarur aati hogi

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6 SEP 2019 AT 13:34

क्यूं रखूं अपनी कलम में स्याही
जब कोई अरमान दिल में मचलता ही नहीं,,!

जाने सभी क्यूं शक करते हैं, मुझ पर
जब कोई सूखा फूल मेरी किताब में निकलता नहीं,,!!

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21 APR 2018 AT 23:44

पास रखी उस डायरी से
न जाने कैसी खुश्बू आ रही थी
कि मेरी बेचैनी औऱ भी ज़्यादा
बेकाबू होती जा रही थी
जब डायरी के चंद पन्ने पलटे मैंने
तो उसमें रखा वो सूखा गुलाब था
जो मुझ तक तेरे प्यार का
पैगाम लाया था।

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