Vanya Dixit   (VanyA)
41 Followers · 22 Following

Poetry writing & blog writing
Joined 23 September 2017


Poetry writing & blog writing
Joined 23 September 2017
9 APR 2021 AT 12:33


तुमसे ज्यादा विश्वास तो मुझे खुद पर नहीं
हां ... मैं जानती हूं इतना विश्वास करना ठीक नहीं
चोट लगेगी बहुत जिस दिन विश्वास टूटेगा
तुम्हारा हाथ भी न होगा सहलाने के लिए
ना कोई मेरा माथा चूमेगा ।।

-


14 DEC 2018 AT 0:01


तुम्हारी रूह कुछ ठंडी लग रही है
मुस्कान कुछ फीकी हो गयी है
कहने की बात ही क्या है
हम तो आज भी वैसे ही हैं
हां बस हवा कुछ सर्द हो गयी है।।

-


15 OCT 2018 AT 22:36

राह में नजदीक सा
दूर से पहचान का
थकान में आराम का
रिश्ता लगता है मेरा तुम्हारा।

धूप में छाँव सा
बारिश में बौछार का
छाँव में कुछ ठंड का एहसास
देता है रिश्ता मेरा तुम्हारा।

ख़ामोशी में फुसफुसाहट सा
उदासी में मुस्कुराहट सा
बेचैन मन को हंसाने का साहस
रखता है रिश्ता मेरा तुम्हारा।

अकेलेपन में साथ होने का
बिन कहे कुछ समझने का
मुश्किलों में न डरने का
हालातों से लड़ने का हौसला
देता है रिश्ता मेरा तुम्हारा।।

-


31 JUL 2018 AT 0:19

कहने को क्या अपना है
इस ज़िन्दगी में
आज जो चंद साँसे ले रहे हैं
वो भी एक माँ की दी हुईं हैं।।

-


26 JUL 2018 AT 0:34

कद्र करो उसकी
जो तुम्हारे पास है
दूर से तो चाँद से भी
बातें हो जाया करती हैं।।

-


16 JUL 2018 AT 21:39

ऐ मेरे बिखरे हुये जज़्बात
ज़रा ठहरो तो सही मेरे पास
मेरे इश्क की दीवानगी है तुमसे
तुमसे से ही दिल्लगी है मुझे
और तुमसे ही हैं मेरे हालात ।।

-


21 APR 2018 AT 23:44

पास रखी उस डायरी से
न जाने कैसी खुश्बू आ रही थी
कि मेरी बेचैनी औऱ भी ज़्यादा
बेकाबू होती जा रही थी
जब डायरी के चंद पन्ने पलटे मैंने
तो उसमें रखा वो सूखा गुलाब था
जो मुझ तक तेरे प्यार का
पैगाम लाया था।

-


11 APR 2018 AT 0:52

तेरी सूरत में
कुछ और रंग भर दूँ
सजा दूँ तुझे
और फ़िर निहारूँ तुझको
सोचती हूँ
मैं आज लिख़ दूँ तुझको ।।

-


9 APR 2018 AT 20:04

तुझे लिख तो दूँ
मैं अपनी कलम से
पर वो हर्फ़ कहाँ से लाऊँ
तुझे मिटा तो दूँ इस दिल से
मग़र वो सब्र कहाँ से लाऊँ ।।

-


6 APR 2018 AT 19:21

ख़ामोशियों से कुछ मत कहा करो साब
तुम्हारे लफ़्ज़ तुम्हारी ख़ामोशी से ज़्यादा प्यारे हैं ।।

-


Fetching Vanya Dixit Quotes