QUOTES ON #SAWARKAR

#sawarkar quotes

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28 MAY 2020 AT 8:53








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16 SEP 2020 AT 18:52

मेरे श्रेष्ठ पूर्वज
मेरे परम पिता
मेरे भरत खण्ड के नायक
मेरे भारत के योद्धा
आप सब नमन करो स्वीकार
कर्तव्य मार्ग पर चलते हम तुम करो उपकार
सपनो का भारत युगो युगो बाद हम करें स्वीकार
है आभार आपका है जीवित हमारा आधार,करो और उपकार
जो ठान लिया है मन मे वो हमारा करो आप स्वीकार

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11 AUG 2020 AT 12:40

Vinayak Damodar Savarkar
(28 May 1883 – 26 Feb 1966)

(Known for hindutva)

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26 FEB 2020 AT 9:54

सावरकर सबको याद है, स्वातंत्र्यवीर दियो भुलाए।
सबने देखा हिंदुत्व ही, काला पानी दियो भुलाए॥

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17 DEC 2019 AT 10:16

अपने नाम के पीछे गाँधी लगा लेने से कोई महानता का हकदार नही हो सकता ।

और जो अपनी ओछी राजनीति के लीये देश की गरिमा दाव पर लगा दे ऐसा कोई टुच्चा नेता कभी सावरकर नही हो सकता ।।

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1 AUG 2020 AT 10:19

गांधी और सावरकर
दोनों देश द्रोही है,
ऐसा मेरे देश की
राजनीति ने मुझे सिखाया है,,

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28 MAY 2020 AT 14:27

क्रांतिकारी जिसे अंग्रेजो ने दो जन्मो की सजा दी
लेखक जिसकी किताबे छपने से पहले हटवा दी

काले पानी के कोल्हू में बैलो की तरह चलते रहे
आजादी खातिर वो दिए बुझ बुझ कर जलते रहे

प्रेरणा का प्रकाश पुंज है देशहित हर काम तुम्हारा
युगों-2 तक गाया जाएगा वीर सावरकर नाम तुम्हारा

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5 OCT 2019 AT 6:55

‘अगर भारत इसी तरह सोया पड़ा रहा, तो मुझे डर है कि उसके ये दो निष्ठावान पुत्र (वीर सावरकर बन्धु, सावरकर के बड़े भाई भी कैद में थे) सदा के लिए हाथ से चले जाएंगे। एक सावरकर भाई (विनायक दामोदर सावरकर) को मैं बहुत अच्छी तरह जानता हूं। मुझे लंदन में उनसे भेंट का सौभाग्य मिला है। वे बहादुर हैं, चतुर हैं, देशभक्त हैं। वे क्रांतिकारी हैं और इसे छिपाते नहीं हैं। मौजूदा शासन-प्रणाली की बुराई का सबसे भीषण रूप उन्होंने बहुत पहले, मुझसे भी काफी पहले देख लिया था। आज भारत को, अपने देश को दिलोजान से प्यार करने के अपराध में वे कालापानी भोग रहे हैं।’
--8 मई 1921 के यंग इंडियन के अंक में महात्मा गांधी

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29 MAY 2020 AT 14:24

गोड़से संघ से थे ये सब बताते हैं 🙄
पर जिन्ना कांग्रेसी था ये कोई नहीं बताता 😡

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2 JUN 2020 AT 10:38

मातृभूमि के प्रति श्रद्धा रखने वाले सावरकर जी ने जेल में रहते हुए अपनी कविता जयोस्तुते में जीवन का उद्देश्य दो पंक्तियों में बताते हुए लिखा था,

तुजसाठी मरण ते जनन।
तुजविण जनन ते मरण।।

अर्थात् (हे मातृभूमि!) तेरे लिए मरना ही जीना है और तुझे भूल कर जीना ही मरना है।

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