कुछ लिखा है पढ़ लोगे क्या
बेचैनियां मेरी कम कर दोगे क्या
यादें तेरी मुझे तड़पा रही
पास अपने उन्हें रख लोगे क्या
उलझी हूँ सवालों में तेरी
सुलझा कर जवाब दे दोगे क्या
सीने में ये जो दिल है मेरे
धड़के न तेरे नाम से उसे कह दोगे क्या
चल माना कि मैं झूठी हूँ "पिया"
सच क्या है तुम ये कह दोगे क्या
कुछ लिखा है पढ़ लोगे क्या
बेचैनियां मेरी कम कर दोगे क्या
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