Hippocratic BJpee mantra
Mandir wahin banyenge
Bhrastachar layenge
Saara news media khareedkar
Din rat apna jhootha prachar karayenge
CAA NRC ke naam par
Logon ka dhyan bhatkayenge,
Demonetisation ke raddi decision par
Middle class ka gala dabayenge,
Apne laws aur apna decisions se
Gau raksha ke naam par gunda gardi chalayenge,
Anti romeo squad ki ghatiya scheme se
Innocent bhai behno par apne dande barsayenge,
Raajneeti k gande keechad me
Apna kamal khilayenge,
Digital india digital india kr ke
Laakhon jobs cheenege,
Gareeb ki jeb de paisa maar kar
Apni sabji roti bhoonenge-
हमारे संस्कार ही अपराध को रोक सकते हैं सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती😐
अच्छे संस्कार किसी मॉल से नहीं, परिवार के माहौल से मिलते है।-
*योनि*
वह हैवान
योनि खोजता है
उम्र से परे जीव से परे
सिर्फ स्त्रियां ही नहीं
जानवरों में भी झांकता है
वह योनि
अंततः वो अस्तित्व हीन करता है
जर्रे जर्रे से कुचलता है
फिर आते हैं कुछ भेड़िए
अपने-अपने स्वार्थपरक
समीकरणों पर लार टपकाते
फिर उस लाश में
धर्म निकलता है
राजनीति निकलती है
दोषारोपण होते हैं
बस निदान लापता होता है
सरेरा कानून नाचता है
मनोरंजन से भरपूर
तमाशा का मंचन होता है
तब तक कहीं और
किसी कोने में
किसी गली में
इंसानों की बस्ती में
कोई चबा रहा होता है योनी
और फिर लार टपकनी शुरू होती है
अनवरत चलता है
यह सिलसिला
बस निदान लापता होता है. - प्रज्ञा पांडेय. 🌺
(यह कविता हाथरस बलात्कार और हत्याकांड के समय लिखी थी)-
मंदिर मस्जिद की ही चिंता बाकी है करने को
सत्ता वाले लगे हैं बस वोट बैंक मजबूत करने में
मन की बात नहीं, हम कहते हैं काम की बात करने को
पर वो लगे हैं हमें हमारे मुद्दों से दूर करने में..-
इस सियासत ने मुझे बंजारा बना दिया
फाइलाें से लूटा मुझे बेसहारा बना दिया-
ये जो टूटा है,
कहर हम पर,
कोरोना का !
तो गलती सिर्फ़,
सरकार की है,
क्या ज़िम्मेदार,
हम ख़ुद यार नहीं है !
उठाते हो जो सवाल
सरकार पर,
क्या हमने नहीं बरती,
लापरवाही है!!
-
वो उनकी सरकार आने पर नशा खत्म करने की बात कर रहे है ..
ओर उनकी सरकार आ जाये इसलिए खूब नशा बांट रहे है-
हक का दमन बस और नही
सब्र का इम्तिहान अब और नही
होश मैं आ जाओ ओ ! मदान्ध
बेवजह गुरुर भी ठीक नही ..!!
कितनी स्याही खरीदोगे हुकमरानों
हम खून से इतिहास लिख देंगे
ना रहो सत्ता में मदमस्त इतना
तुम्हे कलम से कल में लिख देंगे..!!
-
देश प्रगति कर रहा है
इनकम टैक्स की लालच में आकर
सरकार जहर बेच रहा है
सिगरेट गुटका शराब आदि
हर घर तक पहुंच रहा है
जी हां दोस्तों देश प्रगति कर रहा है-
उसके साथ जीने का सपना देखा था,
और सरकार कह रही है..
कोरोना के साथ जीने की आदत डालिये...-