मेरी सांसे रुक गई गर किसी रोज़..
मेरी जिस्म में रूह तुम वापस ला नहीं पाओगे..!!
ये जो रंजिशें है दरम्यान, उस रोज़ सारी भुला दोगे तुम..
मगर अफसोस, ये तुम मुझे बता नहीं पाओगे..!!
सांसे चल रही है मेरी जब तक सता लो मुझे, अफसोस..
जिस रोज़ ये थम जाएंगी, तुम मुझे और सता नहीं पाओगे..!!
चाहते तो तुम भी बहुत हो मुझे बस जताते नहीं न..
अपनी चाहते अपनी फ़िक्र, तुम चाह कर भी तब मुझे जता नहीं पाओगे..!!
आज शिकायतें तुम्हे मुझसे है कल खुद से होगी..
देखना मेरे बाद तुम खुद से नजरें मिला नहीं पाओगे..!!
मेरी सांसे रुक गई गर किसी रोज़..
तुम मर कर भी मुझे वापस ला नहीं पाओगे..!!
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