तू ख़्वाब बनकर तो आ मेरी ज़िन्दगी में,
मैं तुझे अपना हक़ीक़त बना लूंगा
फ़िर कैद कर तुम्हें दिल के कैदखाने में,
सांसों की जंजीरों में जकड़ लूंगा
फ़िर कर लो तुम लाख मिन्नतें खुदा से अपने रिहाई की,
पर मैं वो शख़्स नहीं हूं,जो तुम्हें आसानी से रिहा कर दूंगा।।
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