सुना है आज के दिन लोग इकरार-ए-मुहाबत
करते हैं
तो चलो हम भी आजमा कर नसीब अपनी कलम का
देखते हैं-
आप जाए जहां हम चले वहां
आप में बसा है हमारा सारा जहां
हम तो भीड़ में भी तन्हा बैठे हैं आपके इंतजार में
बगैर आपका ये प्यार मुक़म्मल कहाँ...-
उनकी गलियों से ना जाने कितने गुजर गए,
आशिक बदतमीज थे उनके न जाने कितने सुधर गए।
खैर मोहब्बत तो हम बहुत सादगी से करते थे उनसे,
ना जाने कब हम उनकी गलियों से भी मोहब्बत करने लग गए।
-rajdhar dubey-
कुबूल है मुझे आपका ये नजराना,
साथ-साथ मेरे आप भी मुस्कुराना।
खुशियों से भरा रहे ये आज का दिन हमारा,
कुछ ऐसा हो खूबसूरत सा सफर सुहाना।।-
तुम जैसे छोड़ के गए थे
सब कुछ वैसा ही है...
वही कमरा, वही ख़्वाब, वही मैं!-
दिल की दुआ आपके नाम करती हुँ
कुबूल हो अगर तो मुस्कुरा देना,
उन पलों मे बस खुशियो की झलक हो!!
यह प्यारा सा दिन आपके नाम करती हुँ-
कुछ ख्वाहिशें
तेरी सुलझी जुल्फों को उलझाकर फिर से सुलझाना चाहता हूं...
तेरी खोई मुस्कान को बापस लाना चाहता हूं...
तेरी हर मुस्कुराहट की वज़ह बनना चाहता हूं...
तेरी बड़ी बड़ी आंखों को चूमना चाहता हूं...
तेरे ख़ाबो को अपनी आंखों से देखना चाहता हूं...
तेरे होटों से लिपस्टिक चुराना चाहता हूं...
तेरे साथ ये दुनिया देखना चाहता हूं...
तेरे साथ अपनी ज़िंदगी मुकम्मल करना चाहता हूं...
तुझे अपनी मां की बहू बनाना चाहता हूं...
तुझसे ओर सिर्फ तुझसे मोहब्बत करना चाहता हूं...
तेरी सुलझी जुल्फों को उलझाकर फिर से सुलझाना चाहता हूं...
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यार कुछ तो बात होगी ना इस मोहब्ब्त में.....
वरना यून्ही तो कोई अपने महबूब को खुदा नहीं कह देता।
😘😘☺☺-
तू ख़्वाब बनकर तो आ मेरी ज़िन्दगी में,
मैं तुझे अपना हक़ीक़त बना लूंगा
फ़िर कैद कर तुम्हें दिल के कैदखाने में,
सांसों की जंजीरों में जकड़ लूंगा
फ़िर कर लो तुम लाख मिन्नतें खुदा से अपने रिहाई की,
पर मैं वो शख़्स नहीं हूं,जो तुम्हें आसानी से रिहा कर दूंगा।।-
प्यार में लड़ाई हो भी,
तो बस एक बात पर कि,
सबसे ज्यादा प्यार कौन करता हैं,
क्योंकि इस लड़ाई कि,
कोई जीत ही नहीं हैं।-