वो हमसे रूठ जाने की बात करते हैं,
जो हर रात मुझसे मिलने की फरियाद करते हैं।
जरा सी देरी पर वो आंखों से बरसात करते हैं,
जो पास होकर भी ये दूरी बरदास करते हैं।।
कोशिश मुंह फुलाने की वो अक्सर करते हैं,
बातें ना करो दूर जाने की जो मुड़कर कहते हैं।।।
मुलाकातें अब तो वो हमसे भी कहां करते हैं,
जो हमसे ही खुद अब तो खफा(नाराज) रहते हैं।।।।-
मेरी बेचैनियों को बढ़ा के वो मुझको ही इल्जाम देते हैं,
भले ही ना करें वो बातें मुझसे पर मेरा ही नाम लेते हैं।
हुए मेहरबान तो ठीक वरना ये खुद को आराम देते हैं,
लिख दो ना कुछ बड़े प्यार से वो मेरी जान लेते हैं।।
प्यार है फीर भी वो नॉट इंटरेस्टेड इकरार देते हैं,
सोते हैं चैन से खुद बस मुझे ही घंटो इंतजार देते हैं।।।-
चलो एक पल को मान लेते हैं,
तुम जी लोगे मुझ बिन खुशी-खुशी.
पर क्या सच में ही तुमको नहीं
खलेगी मेरी कमी कभी-कभी..?-
जब भी मन उदास हो ये हंसा ही देती हैं,
कभी boy friend अपना तो कभी friend बना ही लेती हैं.
जब भी होती हैं ये तकलीफ में खुदको छुपा ही लेती हैं,
चेहरे पे हरदम खुशी अपने खिला ही लेती हैं..
मांगो जवाब इसने किसी भी सवाल का,
होता है kuch bhi toh nhi जवाब इनका...
कभी कभी हो जाती ये लेट हैं
लगता है इनका मामला कहीं और भी सेट है....
दिल की हैं ये बहुत ही प्यारी,
क्यूं सही कहा ना मैंने रितिका माली.....😁😁😁-
अपने दिल में ना जाने कितने गमों को छुपाए हुए हैं,
लगता है कुछ बुरी तरह से आप सताए हुए हैं.
अपने दुखों को अपने अंदर ही दबाए हुए हैं,
लोगो को अपनी मीठी बातों से बहलाए हुए हैं..
आपकी काबिलियत पे मुझे कोई शक नहीं,
आपको कोई तकलीफ दे इसका किसी को हक नहीं...
आपसे जब जब भी मेरी बात हुई तब तब मुझे मेरी पहचान हुई,
सुनके आपकी प्यारी बातों को दूर मेरी हर तकलीफ हुई....
-
काश तूने भी रिश्ता मेरी तरह ही दिल से निभाया होता,
तो आज मेरी पलकों पे यूं ये आंसू ना आया होता.
होती अपनी ही खुशियां सारी, यूं गम ना मेरे हिस्से आया होता,
काश तूने भी मेरे हिस्से का वक्त मेरे ही साथ बिताया होता..
क्या थी कमी मेरे प्यार में कम से कम इतना मुझको बताया होता,
तुझे खुश रखने के लिए मैं खुदको भी दाव पे लगाया होता...
हो जाता मैं खुद ही नीलाम बस तू मेरी कीमत लगाया होता,
हो जाता कुछ भी ही क्यूं ना पर तुझपे ना कोई आंच आया होता....
काश तूने भी रिश्ता मेरी तरह ही दिल से निभाया होता,
तो आज मेरी पलकों पे यूं ये आंसू ना आया होता....-
चाहूं तुझे इतना कि तू खुद आकर लिपट जाए मुझसे,
करूं तुझे इतनी मोहब्बत कि भूल जाए तू बाकी के दुख- दर्द सभी अपने।-
तुमसे इश्क इस कदर तो नही था हमको,
तुमको इस कदर खोने का डर तो नही था हमको।
कि यूं तो लोग बहुत मिले हमको,
पर तुमसा नहीं मिला अबतक कहीं हमको।।
जीना था नहीं कभी तुम बिन हमको,
मिले तुम इश्क बनकर फिर भी यहीं हमको।।।
रोका बहुत बार इस दिल ने हमको,
मगर जीते तुम्हीं हर हाल में हमको।।।।-