किसान आंदोलन
किसान आंदोलन की आड़ में,
कुछ लोगों ने अपना स्वार्थ सिद्ध कर लिया।
अरे तुम्हारी दुश्मनी चाहे किसी से भी थी
पर देश तो अपना था।
गणतंत्र दिवस के मौके पर,
देश की एकता शांति और संस्कृति को
सारे जगत में नीलाम कर दिया।
मेरे देश के किसानों को
कुछ लोगों ने बदनाम कर दिया।
लाल किले की प्राचीर पर
तिरंगे का अपमान कर दिया।
किसानों की समृद्धि का प्रतीक 'ट्रैक्टर को'
हथियार के रूप में इस्तेमाल कर लिया।
जिस थाली में खाया उसी में छेद कर दिया।
मेरे देश के किसानों को बदनाम कर दिया-
दीवारों पर लिखीं अनगिनत कहानियां, उन किस्सों का गवाह मैं,
पश्चिम से पूरब को मिली आज़ादी, उस क्रांति की हवा मैं।
गलियां बदली, नाम बदले, बदले शासन भी, पर निडर वहीं खड़ा मैं,
खून बहा जो वीरों का, उस साहस का बस एक टुकड़ा मैं।
तूफ़ान, बारिश में भी टूटा नहीं, निखरे रंगों सा खिला मैं,
सदा तिरंगा ऊंचा लहराता जहां, वहीं लाल किला मैं।-
जय जवान,जय किसान से पहले !
जय हिंद,जय हिंदुस्तान है !!
तुझे तो हम अपना अन्नदाता मानते थे पहले
लेकिन अब कैसेे कहें की तू हमारा मान या सम्मान है
तुझे तो हम अपना जन्मदाता मानते थे पहले
लेकिन अब कैसे कहें की तू हमारा खुदा या भगवान है
जय जवान,जय किसान से पहले !
जय हिंद,जय हिंदुस्तान है !!
जो तुमने किया उस लाल किले पर
वो तो बस तुम्हारा अपमान है
जो तुमने नारेबाजी की इस गणतंत्र पर
वो तो बस तुम्हारा अभिमान है
जय जवान,जय किसान से पहले !
जय हिंद,जय हिंदुस्तान है !!
लोग इसे कृषि प्रधान देश कहते थे पहले
अब कैसे कहें कि तू इस देश का प्रधान है
लोग किसान से है हिंदुस्तान कहते थे पहले
अब कैसे कहें कि तू इस देश की शान है
जय जवान,जय किसान से पहले !
जय हिंद,जय हिंदुस्तान है !!
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अपना नहीं तो कम से कम,
आज के दिन की ही इज्ज़त रख लेते।
किसानों ना सही,
तिरंगे के उन शहीदों की इज्जत रख लेते।-
कभी लालकिले तो कभी जिन्ना की तस्वीर पर लड़ते हैं,
जाने क्यों फिर यही लोग, उचित मसलों पर मौन दिखते हैं।-
We failed to Uphold the first Fundamental Duty
i.e,
""To abide by the Constitution and respect its ideals and institutions, the National Flag and the National Anthem.""-
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी
जैसी अब है तिरी महफ़िल कभी ऐसी तो न थी
ले गया छीन के कौन आज तिरा सब्र ओ क़रार
बे-क़रारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी
~बहादुर शाह ज़फ़र
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