Bhagirath Maurya   (@Speaking.Spirit)
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Joined 12 April 2019


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Joined 12 April 2019
17 JUL AT 19:03

समय बुरा चल रहा है, तो तुम मजबूत बनो।

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20 JUN AT 5:51

हर उम्र की कहानी लिख,
बहते हुए पानी की रवानी लिख।
क्या हुआ जो दिखा, वो मिला नहीं,
तू अपनी ज़िंदगी की एक नई कहानी लिख।

चढ़ती जवानी में मेहनत की नींव लिख,
अपने जीवन की एक नई परिभाषा लिख।
सबको नहीं मिलता, सब कुछ यहाँ,।।
अधूरे टुकड़ों से तू अपना स्वाभिमान लिख।

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2 JUN AT 6:06

धैर्य रखिए, पार्थ
जीवन में कुछ अच्छा पाने के लिए
बुरे वक़्त से गुज़रना ही पड़ता है।

जैसे सूर्योदय देखने के लिए,
अंधेरी रात से होकर गुज़रना ही पड़ता है।

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26 APR AT 7:11

In Christianity, you find Christians.
In Buddhism, you find Buddhists.
In Islam, you find Muslims.
In Sikhism, you find Sikhs.

But in Hinduism, you find:-
*Caste-Divided
*Regionally-divided
*Secularists
*Intellectuals
*Atheists
*The Rich
*Hindus

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3 APR AT 19:43

People must understand that this is a new-age maturity, not asking about
-Someone's salary,
-Marital status,
-Family plans, or
-Personal problems.

If a person is comfortable with you, they will definitely share these things.

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31 MAR AT 8:01

"कुछ परिस्थितियाँ दिल तोड़ देती हैं,
लेकिन नजरिया सही कर देती हैं"

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13 MAR AT 7:02

"होली के रंगों से डर नहीं लगता है साहब,
लोगों के रंग बदलने से डर लगता है।"

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3 FEB AT 23:42

यह भी एक विडंबना ही है,

जब मन "अशांत" होता है, तब व्यक्ति
और अधिक "शांत" होता है।

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20 JAN AT 12:39

महाकुंभ में जाने वाले किसी भी हिंदू से जाती नहीं पूछी जा रही है।

तुम्हे पिछड़ा केवल संविधान में बताया गया है सनातन में नहीं।

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8 JAN AT 6:28

ये भी एक विडंबना है,
लोग दुनिया भर से बात तो कर पाते है,
बस अपने आप से बात नहीं कर पाते हैं।

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