हाँ मैं एक नारी हूँ...
क्यों कहते मैं बेचारी हूँ
संघर्ष झेलना हमें भी
आता है
अपने ही ख्वाहिशों की मारी हूँ
हाँ मैं एक नारी हूँ...
नमन करते मंदिरों में,
अपने ही घर में हारी हूँ
हाँ मैं एक नारी हूँ...
सत्य असत्य सब ताखों पे,
दामन दाग से भारी हूँ
हाँ मैं एक नारी हूँ...
हाँ मैं एक नारी हूँ......🌾
-