ख़ामोश क़लम   (100aib khan)
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Joined 26 October 2020


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गलती आप की नहीं है
हम ही लाइन क्रॉस कर गये थे
आप ने तो बस एक इशारा किया था
इंतेज़ार में तो हमारे दिन गुजर गये थे

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इन रातो में किसी की लत से
मैं रात भर राह देखता रहा ,
इंतेज़ार था उनके जवाब का ,
कोई नींद में अपने ख़्वाब देखते रहा

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बैठे है राह देखते हुए। काश वो आते तो अच्छा होता
आदत सी लगायी है तुमने काश मेरा वज़ूद कच्चा होता

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गहरे है अल्फ़ाज़ मेरे तुम ना समझ पाओगे
सोचोगे तो ख़ामोख़ा परेशान हो जाओगे
मोहब्बत के इस दलदल में फ़सा हूँ मैं
निकालोगे तो तुम ही इसमें फस्ते जाओगे

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हल्की हल्की सी फ़ोहर है
इस मोसम में आप का इंतेज़ार है

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लोग खेल जाते है feeling से , 🥹 ख़ैर जाने दो

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बताएँगे उनको भी अपना रुतबा वक्त आने दो
अभी जो भौक रहे है कुत्ते , उनको जाने दो

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महफ़िलो में बस साथ चुनता रहा
लोगो से मेरी ही बुराइया सुनता रहा

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डर सा लगने लगा है दौर रे जमाना देख कर
लोग शादी पे मारे जारे है खजाना देख कर

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27 NOV 2024 AT 23:59

मुझे वहाँ से पढ़ना सुरू करो जहां मैं ख़ामोश हुआ
हँसना और हसाना तो सोक और हुनर है हमारे

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