Woh lamha bhi kya lamha tha,
Jab hum unhen ek nazar sirf dekha karte the
Or wo aakar puchte the kya hua.-
मोहब्बत तो इस दिल को हमेशा
तुमसे रहेगा ही....
लेकिन वो कहते हैं ना की ___
तेरी आँखो के दरिया का
उतरना भी ज़रूरी था..
मोहब्बत भी ज़रूरी थी.....
बिछड़ना भी ज़रूरी था..!!!-
ये दिल चाहता है....
तुझे यादों से निकाल गले लगाना
ये दिल चहता है..!
तुझे ख़्वाब बना एक एहसास लेना
ये दिल चहता है..!
ओर हा मुझे नहीं पता तुझे इश्क़ है या नहीं मुझसे
मगर तेरी रूह को अपनी धड़कन बनाना
ये मेरा दिल चाहता है..!-
Itni Kasme Na Khao
Ghabra Kar Jao
Hum Aaitbaar Karte Hai ,
Ab bhi Aajao Kuch Nhi Bigda
Ab Bhi Hum Intezaar Karte Hai...💕-
कोई उम्मीद बर नही आती, कोई सूरत नजर नहीं आती हम वहां हैं जहां से हमको भी कुछ हमारी खबर नहीं आती।
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मैं समझी थी तुम हो तो क्या और माँगु ,
मेरी ज़िंदगी में मेरी आस तुम हो ।।
ये दुनिया नहीं हैं मेरे पास तो क्या ,
मेरा या भ्रम था मेरे पास तुम हो ।।
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मेरे पास तुम हो ¿
भूल जाने का हुनर,मुझको सिखाते जाओ,
जा रहे हो तो सभी नक़्श मिटाते जाओ,
चलो रस्मन ही सही, मुड़ के मुझे देख तो लो
तोड़ते तोड़ते तालुक़ को निभाते जाओ|
कभी कभी यह मुझे सताए,कभी कभी ये रुलाए,
फ़क़त मेरे दिल से उतर जाइयेगा,
बिछड़ना मुबारक बिछड़ जाइयेगा|
में समझा था तुम हो,तू किया और मांगूं,
मेरी ज़िन्दगी में,मेरी आस तुम हो,
यह दुनिया नहीं है,मेरे पास तो क्या
मेरा ये भरम था,मेरे पास तुम हो|
मगर तुम से सीखा मोहब्बत भी हो,
दग़ा कीजियेगा,मुकर जाइयेगा,
तेरा हाथ कल तक,मेरे हाथ में था,
तेरा दिल धड़कता था,दिल में हमारे|
ये मग़रूर आँखें, जो बदली हुई हैं,
कभी हम ने इनके, है सदके उतारे,
कहीं अब मुलाक़ात,हो जाए हम से,
बचा कर नज़र को,गुज़ार जाईयेगा,
जीना है तेरे बिना, तो मैं भी जी लूंगी|-
Bataao yaad hai tumko
Woh jab dil ko churaya tha
Churaai cheez ko tumne
Khuda ka ghar banaya tha
Woh jab kehte thhe
Mera naam tum tasbih mein padhte ho
-Rahat Fateh Ali Khan-
tumhe, Shaayri bhi. . Aaney Lagegi. .
Kabhi Dil kisi, se laga kar to Dekho ♥️-