मुझे आज भी लोकतंत्र पर भरोसा है,
पर भीड़ सी भेड़तंत्र पर नही..
मुझे आज भी पत्रकारिता पर भरोसा है,
पर मुजरा दिखाने वाले पत्रकारों पर नही...
मुझे आज भी सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है,
पर 250 घरानों के कोलेजीयम सिस्टम
से बनें जजों पर नही...
मुझे आज भी राजनीति पर भरोसा है,
पर जाहिल,आपराधिक,लोभी,भ्रष्ट राजनेताओं
पर नही..
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