jogendar Singh   (वास्तविक बनिये...)
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Joined 24 April 2020


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23 MAR AT 11:50

शहीदों को सलाम """

चूम लिया फंदा जिन्होंने, खौफ़ उनको क्या खायेगा, लहू का कतरा कतरा इंकलाब से भरा है, हर दुश्मन के जहन मे मातम छायेगा ... वो नाम वतन का कर बैठे, महोब्बत कफ़न से कर बैठे, दिल तो दिल मुल्क का कण कण कुर्बानी के नग्मे गायेगा ... फंदा फाँसी का हो या नफरतों का, वतन को चाहने वाला हँसकर गले लगायेगा, लिखने कहानी वतन की अपने लहू से, आज भी घर घर से भगत सिंह ही आयेगा....


जोगेन्द्र सिंह...

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4 OCT 2021 AT 3:55

उसके बगेर जीने से पर जी रहे है।
आज वो तो नहीं उसकी यादें साथ....

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1 SEP 2021 AT 1:40

जीवन भर याद दिलाती है,
कि अगर वक़्त पर अगर कह देते
तो आज जिंदगी और कुछ होती !

दिल के अरमान....

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14 APR 2021 AT 9:07

भारत का सम्मान
भारत के हर नागरिक के जीवन में अंबेडकर जी का योगदान है। फिर चाहे वह -बड़े से लेकर बच्चों तक की जिंदगी पर हो या फिर चाहे वह गृह कार्य करने वाली एक आम महिला हो या नौकरी करने वाला एक आम आदमी हर किसी के जीवन में अगर खुशी लाने का श्रेय जाता है तो इस देश के एक ही व्यक्ति को जो कि भीमराव अंबेडकर जी
मैं आज उनकी जयंती के दिन
उनको कोटि-कोटि नमन करता हूं।
जय भीम जय भारत...

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20 MAR 2021 AT 21:25















👇 कैप्शन में पढ़िए

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17 MAR 2021 AT 21:27

हमसफर तक का सपना दिखाया।
जब आई हमसफर बनाने की बात,
तो दुनिया को अलविदा कह कर चले गए!

क्या.? दोस्ती और मोहब्बत इसी का नाम है।
कि चाहत दिल से की हो,और दर्द दिमाग को
जिंदगी भर कर मिल जाए!

~जोगेंद्र सिंह...

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17 MAR 2021 AT 20:46

{मन की दुविधा}
कभी-कभी लगता है!
खुद को खोया सा महसूस करता हूं। समझ नहीं पाता कौन हूं मैं, और क्या कर रहा हूं। क्या मैं स्वार्थी हूं जो सिर्फ खुद के बारे में सोचता हूं या अपने परिवार को लेकर डरता हूं इसलिए सिर्फ परिवार के बारे में सोचता हूं। अगर ये सच है। कि मैं स्वार्थी हूं। या परिवार की वजह से डरता हूं। तो क्या हर इंसान ऐसा ही होता है। तो मेरी समझ में नहीं आता कि इस देश के बारे में कौन सोचेगा जिस देश में हम रहते है। क्या मैं सिर्फ (मैं) बन के रह जाऊंगा कभी (हम) मैं भी तब्दील हो पाऊंगा क्या समाज को कुछ अपना योगदान दे पाऊंगा। और इस देश और समाज का अपने ऊपर चढ़ा हुआ कर्ज़ उतार पाऊंगा..?

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12 MAR 2021 AT 10:17

अक्सर वो किसी और को चाहते हैं
और जल्द ही हमारी जिंदगी से चले जाते हैं
और उनको चाहने के कारण चाहत
मोहब्बत में बदल जाती है
और मोहब्बत इंसान को
बहुत मजबूत भी बना देती है
और कभी कभी बहुत कमजोर भी...

~jogendar singh...

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10 MAR 2021 AT 9:17

हमेशा इंतजार करूंगा !
वह चाहे इस दुनिया में
मेरा आखिरी दिन ही क्यों न हो..

मैं हमेशा तेरा इंतजार करूंगा !

~जोगेंद्र सिंह...

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5 MAR 2021 AT 8:39

इंसान सब कुछ हार जाता है
सिर्फ इश्क को हासिल करने के लिए...
इंसानी फितरत है कि वह हासिल करना चाहता है
लेकिन इश्क और मोहब्बत हासिल करने का नहीं खुद को समर्पित करने का नाम है!

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