नज़रों में वो अक्स तेरा,
और थहरा हुआ वो वक़्त मेरा,
ख़्वाबों सी तु लगे मुझे, जो
झपका के पलकों को उठाना तेरा ॥-
बहुत मुश्किल होता है पहली बार किसी से बात करना
पहले सोचना,उसकी ओर देखना, देखकर मुस्कुराना, उससे कुछ कहना फिर उसे दोस्त बना लेना-
pehli mulakat👫
hamari khusi😀😊 ka thikana nai tha usdin wo pehli mulakat thi....
mile toh pehle v the usse mutual friend jo the par yun milna☺ wo pehli mulakat thi....
yaar dildaar❤ ban chuka tha , call par pehle hi meeting ka time fix ho chuka tha ..
ankhon👀 pe uska chehra🙋♂️ jabann pe uska naam,hothon pe hasi👄 saji thi wo pehli mulakat thi....
pas baithkar batein shuru hui , ankhon me ankhein dalkar mera hath tham kar kabhi na chorne ka wada kia💑..
kuch aisi wo pehli mulakat thi....-
PEHLA PYAR
पहले प्यार की बात ही कुछ और होती है
आंखों में नए ख्वाब और
दिल में नई उम्मीदें होती हैं
हर घड़ी उनका इंतजार होता है !!!
उनकी एक झलक देखने को दिल बेकरार होता है
अगर एक दिन ना दिखे तो दिल बेचैन होता है
हर दिन एक नया नशा ही होता है !!!-
पहली मुलाकात ।
देहलीज पर खडा है प्यार, दस्तक दे रहा है बार बार
संभल के खोलो दरवाजा ये फिर ना मिलेगा दोबारा
हसीन होगा वो मंजर जब होगी तुम्हारी मुलाकात
उनकी हसी को देखके हंस पडेगा दिलभी तुम्हारा
कुछ समझ ना पाओगे ना रहेगा ख़ुशी का ठिकानां
ये पल यही थम जाये आँखो में बस जाये ये नजारा-
Pagal pagal firta hu tere pyar me,
Na jane kab milenge
Baitha hu isi intzaar me,
Yu to baatein bahut hai karne ko,
Par khuda hee jaane
Kya hoga us pehli mulakaat me.
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बारिश की ये टिप टिप बूंदा बांदी
याद दिला रही मुझे उस सांझ की
जिस दरमियान तुम और मैं मिले
पहली दफा इस बेखबर जिन्दगी में ।।
पलकों में तुम्हारी नीर की लघु बूंदे
मोती सम चमकती मेरे नयनों से
प्रेम की मधुर लालसा प्रति तुम्हारे
जागृत कर रही थी बेसुध मन में ।।
पलकों से गिरती कुछ शैशव बूंदे
सरस अधर को छूते हुए तुम्हारे
अमृत को भी तिरस्कृत करते हुए
हृदय से लालायित कर रही थी मुझे ।।
भीगा हुआ अवाम तिल चंद्रमुख से
शोभित हो रहा था धीमी सी वर्षा में
किंतु तुम संग ये सारी अनोखी बातें
भिगो रही थी तन-मन-हृदय से मुझे ।।
- सुधांशु "नि:शब्द"
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पल दो पल पल में किस्मत मेरी कुछ यू बदल गई, मानो प्यासी किसी राही को उसकी मंजिल मिल गई, खोया था जिंदगी की उलझनों में बेखबर कही, दीदार ए हुस्न हुआ उनका तो तबीयत मचल गई, सीने पर सर रखकर जब मेरे लगी रोने वह, किया प्यार ऐसा उन्हें कि उस फूल से चेहरे पर मुस्कान की गई, था साथ दो पल का जानते थे दोनों, पर दो पल में हमें हर खुशी मिल गई, क्या मांगू ऊपर वाले से नजरें झुका के अब जब मुझको मेरे यार की तस्वीर मिल गई, होठों से ऐसा जाम पिलाया उन्होंने, के बिन पीए ही मुझको मस्ती सी चढ़ गई, जो भूल नहीं सकते अब याद क्या करें वह दिया यार लेकिन अब रब से फरियाद क्या करें, ख्वाब सा दिल में जो था बसा हुआ उनके आगोश में वह हकीकत ही बन गई, एहसास हुआ कि होना पड़ेगा जुदा दोनों की आंखों में सागर उमड़ पड़ी, उम्मीद बंध चुकी थी उनसे कुछ ऐसी अब के दूर होने की सोच से सांसे ही थम गई, संभालते उनको जब कर दिया मेरा जिंदगी फिर जैसे वीरान हो गई।।
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अभी तो ठीक से
नाम भी ना लिया उसका,
और बारिश आ गयी,
लगता है
भगवान को भी
उसकी याद आ गयी....-
पहली मुलाकात
तुम मुझे देख कर जो हल्का सा मुस्कुरायी थी ,
माना वो हँसी , तुम्हे गलती से आयी थी।।
कितनी हसीन पर , वो रात थी,
बस इतनी सी , वो पहली मुलाकात थी||-