ज़ख्म पर यूँ भी, मरहम लगाती है।
दिल तोड़कर मेरा , मुस्कुराती है ||-
इक अंधेरी कोठरी में , था अंधेरा भी घना।
एक दीपक फिर जला, सारा अंधेरा छट गया।।-
अभी तो मुझे ,बहुत संवरना पड़ेगा।
राह लंबी है , बहुत चलना पड़ेगा।।
अब तो सायें ने भी छोड़ दिया है साथ मेरा।
इस राह में अब बहुत , सँभलना पड़ेगा ||
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यादों से तेरी अब , किनारा कर लिया|
हमने भी इश्क़ , दोबारा कर लिया ||-
भारत माँ का शीश झुके ,अब ऐसी बात नहीं होगी |
अफ़ज़ल या फिर हो कसाब , उनकी औकात नहीं होगी||
जो गोली की भाषा समझे , तो तोपों से बात करो|
सरहद पर जो शीष कटे , तो इस्लामाबाद पे वार करो||
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तुझमे है खुद को भुला दिया , पर तुझे भुलाना बाकी है।
तू करती मुझसे प्यार नहीं , अभी समझ में आना बाकी है||-
दिल को बहलाने का कोई सामान नहीं हूँ।
इतना भी मैं अब आसान नहीं हूँ ||
बसी हैं लाखों कमियाँ मुझ में,
इंसान हूँ ,कोई भगवान नहीं हूँ ||-
जो करना आगाज़ तो , अंजाम तक लाना|
बस कुछ इस कदर तुम ,हमारी कहानी बनाना||
इक रोज़ भूल कर सारी दुनिया ,मुझमें ही मशरूफ हो जाना |
बस कुछ इस कदर तुम ,हमारी कहानी बनाना||
डूबे जो कभी कश्ती मेरी ,तुम साहिल पे लाना|
बस कुछ इस कदर तुम ,हमारी कहानी बनाना||
रूठूँ अगर कभी तो ,तुम मुझे मनाना|
बस कुछ इस कदर तुम ,हमारी कहानी बनाना||
बिन कहे मेरी हर बात समझ जाना, इतनी शिद्दत से ये रिश्ता निभाना |
बस कुछ इस कदर तुम ,हमारी कहानी बनाना||
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खुद के ख़्वाबों का इक शमशान हूँ,
बड़ा बेपरवाह मैं इंसान हूँ ।
ऐ ज़िन्दगी , मैं तुझसे बहुत हैरान हूँ ।।
हूँ अपनों की भीड़ में खड़ा ,
अपनों से ही अंजान हूँ ।
ऐ ज़िन्दगी , मैं तुझसे बहुत हैरान हूँ ।।
हर पल मांगी मन्नत तुझे पाने की ,
अब भी तेरे दिल में महज़ मेहमान हूँ |
ऐ ज़िन्दगी , मैं तुझसे बहुत हैरान हूँ ।।
है कोशिश की हर ख्वाब ,कर लूं मुकम्मल ,
इक अधूरी सी अभी दास्तान हूँ |
ऐ ज़िन्दगी ,मैं तुझसे बहुत हैरान हूँ ||-
ना वज़ीर हूँ मैं , ना राजा हूँ मैं, महज़ इक प्यादा हूँ मैं|
वो प्यादा , जिसके रोज़ सरहद पर सर कट जाते हैं ,
चंद तमगे , जो मेरे घर की दिवार पे टंग जाते हैं।
वो दिवार ,जिसके नीचे अब मेरा परिवार भूखा सोता है,
दाने दाने को मोहताज़ , मेरी कुर्बानी पे रोता है।
वो कुर्बानी , जिसने तुम्हे महफूज़ बनाया था,
सो सको तुम चैन से , इतना भरोसा दिलाया था|
वो भरोसा , जो तुम सब से अब मैं खो रहा हूँ,
उतनी ही शिद्दत से मगर अब भी मैं कुर्बान हो रहा हूँ।-