इन आँखों में छुपे हैं राज़ कई... इनमे झाँक कर तुम देखो ना.... शायद दिखे तुम्हें तस्वीर अपनी.. कुछ वक्त और साथ रहकर देखो ना... और माना कि बातें भूल जाना फितरत है तुम्हारी.. पर ईन लमहों को ज़रा याद रखकर देखो ना... दिल धड़कन साँसें किसी और के नाम का होना.... ईन बातों को ज़रा तुम भी आज़मा कर देखो ना.....