"वीर हूं इस देश का!"
वीर हूं इस देश का,
देश की रक्षा, मेरा कर्म।
ना मिटने दूं, शान इसकी,
बस यही एक, मेरा धर्म।
एक प्रचंड, ज्वाला हूं मैं,
तेरे आन, बान और शान की।
ना सर झुके, तेरा कभी,
सौं तेरे, सम्मान की।
वीर हूं इस देश का!
एक सुनामी, लहर बनकर,
तेरे दुश्मन, बहा ले जाऊंगा।
जो भी आया, रस्ते मेरे,
भवंडर बन, निगल जाऊंगा।
वीर हूं इस देश का,
ऐ देश मेरे! तेरे लिए,
कुछ भी कर जाऊंगा।
हूं आंधी और तूफान मैं,
ना शक कर, मेरी पहचान में।
करता हूं दिल से, देश सेवा,
ना लूं किसी का, एहसान मैं।
वीर हूं इस देश का!
कहता हूं बड़े, अभिमान से।
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