Jo kabhi hume apna humdard kaha karte the...!!!
Aaj unke liye musibat ban chuke hai...!!!
Jo kabhi hume apni duniya bataya karte the...!!!
Aaj ajnabee ban chuke hai...!!!-
मैं ताउम्र खुद के वजूद को ही
खोजा किया करती हूँ
तू तो है ही पराई .. अपने घर चले जाएगी
और बाद में पराई घर से आई... हो जाया करती हूँ ..-
मैं अजनबी हूँ.. मुझे अजनबी रहने दो,
अपना बनाकर कहीं पराया मत कर देना।-
Chot khana hi h to paraye
ke pass kyu jaate ho..
Jab apne hai hi to..-
Jaane wale ko apna banana fijul me wakt jaya hai,,
Jo apna hokar bhi apna na hua wah parayon ka bhi paraya hai,,-
आरज़ू के हर मोती,पिरोए थे जो सुकून और एतेबार से,
टूटकर बिखर गए ऐसे,घरौंदा उजड़ गया हो जैसे किसी शाख़ से।
बिना सोचे जो लबों पर आ जाती थी बाते,
रिश्तों की संजीदगी थी वहां,ठहर कर झांकना था म्यार से।
हकीकतें रूबरू हुई जब,तो काबू रहा न दिल पर,
उदासी आँखों की बयां करती है,ख़ामोशी से गुज़री है किस हाल से।
क्या अपना क्या पराया,मतलब से मिलते है लोग यहां,
सच्चाई की ज़ुबां भी कांप उठती है एक झूठे डरावने ख़्वाब से।-
हमारे अच्छे वक़्त ने दुनिया को बताया कि हम कैसे हैं और हमारे बुरे वक़्त ने हमें बताया कि दुनिया कैसी है।
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Hum sote rahe uski baahon me aise,
Jaise wo paraaya nahi koi apna tha..
Nind puri hui aankhe khuli to aise laga,
Jaise hakikat nahi wo to koi sapna tha..-