वो यही काली अंधेरी रात .. और मेरी तन्हाई की खोज ..
जो अक्सर मेरे को बुलाती और गोद में सुला लेती है रोज ..-
गुलाब में एक जादुई कशिश है
वो खिले चहूं ओर महके यही ख़ाहिश है
सब ही होना चाहते रूबरू है
इत्र सी ख़ुश्बू लिए बस बिल्कुल हूबहू है
बस कहीं दबी एक ख़लिश है
कांटों के बीच फिर भी कितनी अडिग है
धूप हो रही या फिर बारिश है
हो कितनी तपिश ना उसे कोई बंदिश है-
तुझे देखा कोई अपना नज़र आया
कि देखा ही कहां सिर्फ़ महसूस किया
तो वो चांद भी पराया नज़र आया
अपनी तों अंधियारों से है दोस्ती यारा
वो अक्सर चांदनी रातों में दिखा
उन रातों को रोशन करते नज़र आया-
मैं चांद सा अकेला अंधेरे में बैठा सोच रहा
ख़ुद को शायद ख़ुद में ही कहीं अब ढूंढ़ता फिर रहा
जिसका ना कोई जमीं ना कोई आसमां बचा
मैं वो चांद नहीं जो सितारों संग हूं बैठता और घूमता
मैं अकेला बादल सा हूं किसी को बस ढूंढ़ता
सावन की बरसात लगी तो आसमान को ना निहारता
उसका क्या भरोसा करूं जो मेरा नहीं सगा
मैं तन्हा ही तो बेहतर हूं ख़ुद में ही ख़ुद को अब ढूंढ़ता
मैं नदी किनारे बैठा बरसाती बूंदों को देखता
जो सूखी ज़मी में जल भर कर उनमें नए प्राण फूंकता-
Mujhe uss se mohabbat to nahi par
Dosti mohabbat se Badh ke hai
Uska milna mujhe dosti se kam nahi par
Dosti se jyada lagaav tum se hai
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मौसम
किरण खिली सूरज की जैसे तेज सा मेरे आंखों में
चाँद की रोशनी भी कहीं घुम हो गई अब सरमा के
बागों में नई जान एक खुशबु बिखर गई गुलाब में
परिजात भी समर्पित हो गया ज़मीन पर घबरा के
नया सवेरा आया हो जैसे बादल छट आसमान में
सब सुंदर सा ही लागे अब बिना किसी उलझन के-
इतना गैर ना समझ यार मुझको
कि तुझको हम यूं ही सरेआम कर देंगे
पलकों में नीचे छिपा कर रखे गें
ऐसे थोड़ी ना तुझको बदनाम कर देंगे-
उस श्वेत पुष्प को देखा तो उस पुष्प सा सुन्दर कोई चांद भी खास नहीं
उसकी धीमी भींगी सी ख़ुश्बू जैसे परिजात का फूल भी उसके आगे कुछ नहीं
उसके ख़ुश्बू से मूर्च्छित मन को प्राण मिले वो 'प्राणमय' प्रांजलि और कोई नहीं
उसकी एक झलक पाने को चांद भी कितना मचल रहा मयन देख उस जैसा कोई नहीं
एक काग़ज में कितना बयां करूं मैं तुम किसी तारीफ की मोहताज़ नहीं
चार शब्द और लिखूं शायद भी कम वो पुष्प सी उसे इत्र की कोई जरूरत नहीं-
Dear Your Quote friend
Birthday Greetings
apne to bataya hi nahi...
Bus thik abhi pata chala sutron se 🧜♂️
Toh happy wala birthday 🎂
Gift lo... Khush rho🎁
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🎈-
मैं, भौंरा बन तितलियों संग मंडराता रहा इस फूल से उस फूल तक
कि रातों को भी जुगनुओं की तरह बे चैन सा ही घूमता रहा रात तक
मैं, रातों को भी नही सो सका चैन से सच बता रहा हूं सुबह होने तक
कि सुबह फिर हुई वही चीज़ फिर से दिन से रात दुबारा दोहराने तक-