मेरी दिमाग़ वालों से कुछ खास नहीं बनती
उन्हें जीतना पसंद है और मुझे दिल हारना।-
बिंदी, काजल, नथनी, लाली, झुमके,
जाने क्या-क्या सामान रखती है,
एक नाज़ुक सा हुस्न है शहर में जो,
क़त्ल के सारे औज़ार रखती है।-
भीग कर मिटती हैं कुछ सूखी आरज़ुएँ,
बारिशें बस पानी नहीं, मोहब्बतें भी लाती हैं।-
लबों पे तेरे जो निशां छोड़ जाए,
इश्क़ मेरा वो असर छोड़ जाए।
तेरी यादों की ताबीर को ओढ़े हुए,
दिल ये अपनी धड़कन छोड़ जाए।
तेरी ख़ुशबू से भीगी हुई रेत पे,
मेरा बदन अपने निशां छोड़ जाए।
तेरी रूह को गले लगाकर रखूं तो,
हर दीवार अपना मकां छोड़ जाए।
जो तेरे बिना कट जाएं कोई भी लम्हा,
वो लम्हा यादों की दुनिया छोड़ जाए।-
इश्क़ होगा तो
एहसास भी होगा।
एहसास होगा तो
समर्पण भी होगा।
समर्पण होगा तो
बात भी होगी।
बात होगी तो
साँसें भी होंगी!-
सारे फूल ख़फ़ा हैं तेरे बग़ीचे में होने से,
फिर तितलियाँ उन्हें नज़रअंदाज़ कर देती हैं।-
मैंने उसकी खूबसूरती पर कितनी कविताएं लिखी..
रिप्लाय तब आया जब मैंने उसे मोटी बोल दिया!-
आँखों से पता चला फ़ासले कितने हैं वर्ना
लफ़्ज़ों से दिल के क़रीब मान बैठे थे हम।-
तेरी हँसी में बसी है चाँदनी रातों की बात,
तेरी नथ से महके जैसे फूलों की बारात,
चेहरा तेरा जैसे जन्नत का कोई 'ख्वाब' हो,
तुझे देखूँ तो भूल जाऊँ सारी कायनात।-