सुनो न...
दिल ने तेरे इश्क़ का पैगाम है सुन लिया
तू न हो बदनाम खुद को तेरे नाम कर लिया
तुझ सा शायर नहीं इस जहां में कहीं...
वाकई मेरे बेइंतहा इश्क़ ने तुझे गुलज़ार बना दिया
💓💓💓-
आज फ़िर,
एक एहसास आया है, जज्बातों की नदियां बहा लाया है...
मेरे लबों से तेरी आशिक़ी का इज़हार लाया है...
तेरे आने से पहले तेरी मोहब्बत का पैग़ाम लाया है...
हां, तेरे साए में बसने का मायाजाल लाया है...-
इश्क का दिल में ऐसा तुफान दे गयें
तलब थी जमीं कि वो आसमान दे गयें
सारे गमों का बोझ दामन में डाल कर
बस हमेशा मुस्कुराने का पैग़ाम दे गयें-
मौत चाहता था, मिली नहीं।
तुमसे दूर होना था, हुआ नहीं।
चाहत थी बदल गई, तुम्हारी आदत थी छूट गई।
प्यार का नशा था उतर गया, कोई और ही नशा चढ़ गया।
ना मैं तेरा हुआ ना तू मेरी हुई,दौर के साथ सब बदल गए हैं।
प्यार के वादे जिसने किए,आज वही हमें मरने को केह गए।
मुझसे ये हादसा गुजर गया,
जो मेरा हमदर्द था वही आज दर्द दे गया।
अब अपनी दिक्कतें तुम्हें क्या बताएं,
समंदर होकर भी हम खारा पानी कहलाए।
गहरी काली रातों में पैगाम लिखा है,
मैंने आज अपने जुनून का अंजाम लिखा है।
समंदर जितना प्यार किया था,
तुम्हारी नफरत तो नाप भी ना पाया।
तड़पती आंखों में एक ख्वाब होना चाहिए,
तुमसे मेरा सामना हर शाम होना चाहिए।-
_पैगाम_
तूफान की शिरकत है
या मौत का पैगाम....
मै इतना खामोश
पहले कभी न था...-
संग गुलाब के,
इस बार उसने,
पाज़ेब भेजी है !
कोई बता दे मुझे,
कहीँ उसने,
शादी का पैग़ाम,
तो न भेजा है !!-
आज इबादत के वक्त खुदा तक हमने यह पैगाम भिजवाया है
तकलीफ़ न हो तुझे इतनी सी भी क्यूँकि आज फिर तेरे नाम को हमने लिखकर मिटाया है-
हम शरीफ लोग हैं किधर जाएंगे,
अंधेरा होते ही सीधे घर को आएंगे।
मिलना हो तो पहले बता देना,
अचानक आओगे तो हम डर जाएंगे।
हम नेता नहीं है जो तुम्हें गुमराह कर पाठ पढ़ाएंगे,
ना ही कोई सौदा करेंगे और ना तुम्हें धमकाएंगे।
मोहब्बत के सफर में हर खूबसूरत एहसास साथ बिताएंगे,
आपको अगर हम नहीं लुभाएंगे तो....
एक पैगाम आपको लिख हम आपको भूल जाएंगे।
मुश्किलों से हार के कोई मंजिल हासिल नहीं करता,
गुलाब भी काटो और गंदे पानी में रह के सबको लुभाता है।
जब मंजिल पर हो नजर तो रास्तों से क्यु घबराना,
हम तो आवारे हैं, हमें मंज़िल से क्या?
इधर नहीं तो दूसरी तरफ जाएंगे।।-
किसी से इश्क़ हो न हो पर खुद से नफ़रत हमेशा निभायेगें
बस एक इशारा तो करे वो खुदा हम पल भर में फ़ना हो जायेगें-
अपने हर इक वफ़ा का सिर्फ एक ही ईनाम पाया
पैग़ाम जो पहूँचा हम तक 'बेवफ़ा' इल्जाम आया-