कायरता में लोग खुद की निडरता को ही भूल जाते है।
अक्सर लोग भेड़ चाल चलने मे इतने डूब जाते है।
कि खुद में शेर होने का गुरुर ही भूल जाते है।-
18 SEP 2019 AT 22:52
5 DEC 2020 AT 14:00
मेरे हाथों में तेरा हाथ हो,
जिंदगी कुछ यूं सुथरी साफ हो,
बीते हर पल मेरा तेरे साथ,
चाहे ज़माना मेरे ख़िलाफ़ हो।-
2 JUN 2021 AT 15:25
" मैं कर्ण हूं "
हुआ है ,ना होगा योद्धा मेरे जैसा कोई
होकर कुंती पुत्र भी शूद्र पुत्र पहचान थी
मै कर्ण हूं मै कर्ण हूं ये मेरी गुहार थी
दानशीलता से तीनों लोकों में विख्यात था
पर अधर्म की लड़ाई में मै कौरवों के साथ था
द्रोण की नजरों में अर्जुन ही एक वीर था
मैं तोड़ता इस घमंड को,
दिया होता ना कुंडल मैंने देवराज को
वचनों से बंधा था मैं ,दिया जो कुंती मां को था
नहीं तो इस युद्ध में डंका बजता मेरे नाम का
अर्जुन की ढाल श्री कृष्ण, हनुमंत थे
फिर भी लड़ा युद्ध मैं क्योकिं
चुकाना मित्रता का कर्ज था
मैं हारा इस युद्ध को
क्योंकि मैं निहत्था ,निढाल था-
5 APR 2020 AT 23:23
कह दो अंधेरों से ..... कहीं और घर बना लें❣️💡
मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है❣️💡
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