मां तेरी आंखो का काजल हूं मै,
तेरे आसूंओं से ही मिट जाऊंगा,
तू हमेशा मुस्कुराती रह,
तुझ तक पहुंचने वाले,
हर गमो से ‘मै’ लिपट जाऊंगा।।-
𝕷𝖔𝖛𝖊 𝖞𝖔𝖚 𝖒𝖔𝖒 𝖉𝖆𝖉
उनका कंधा प्रभु ने न जाने
कितना मजबूत बनाया है,
मेरी ख्वाहिशों को उठाते हुए
माँ बाप ने
कभी उफ़ तक नहीं की !!
🅻🅾🆅🅴 🆈🅾🆄
🅼🅾🅼 🅳🅰🅳-
उस माँ के लिए मैं,क्या लिख सकती हूँ,
जो ख़ुद हमारी लेखिका है❤️❤️❤️..!!-
माँ थाने मैं कदी समझ नी पायो
दिल सूं मैं कदी धन्यवाद बोल ही नी पायो
थें देवी माँ री सजीव मूरत
घर री थें हो निखरियोड़ी सूरत
मारो अभिमान थें ही तो हो
घर वाला रो स्वाभिमान थें ही तो हो
गलतियां भूलावता रहिजो माँ
मारे माथे पर हाथ धरोड़ो ही राखिजो माँ
जीतो भी जीऊं थांरी छाया में जीऊं
मरने बाद भी पाछो लौटन थारी गोद में ही आऊं
माँ करणी सूं इतरी ही आस करूं
थें रेवो हमेशा मारे साथ-
बढेरा कदी सोच ही नहीं पाया जैसो होवे है!
बूढ़ा बुजुर्गा सूं दूर रेन सुख री निंदा खोवे है,
बेटीरो रात रातभर बारे रेणो आजादी मानी जावे है,
बेटा बिना ब्याव करियां ही छोरी ने घरे लावे है ,
परिवार वाला इने आधुनिक सोच बतावे है !
बुढ़ा मायत दिन रात खून रा आंसू रोवे है ,
जद बै खूदरा संस्कारा ने रेत मे मिलता पावे है !
शहर रे संघर्ष में घरवाला सूं मिलने तरस जावे है ,
माँ बाप ने दुख देवनाला, सुख ने जोवता मर जावे है !
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“रंग इंद्रधनुष के फीके लगते हैं,
कि शीतलता चाँद की फ़ीकी लगती है,
जब बैठूँ माँ तेरी आँचल की छांव में,
तेरे आँचल की छांव सबसे शीतल लगती है!!"
“न मिलता सुकून दुनिया के किसी कोने में,
जैसी सुकूनियत माँ तेरी गोदी में मिलती है,
लगने लगती है हर मुश्किल आसान,
माँ जब तू प्यार से सिर पर हाथ रखती है!!"
“हर वक्त अपनों की परवाह में डूबी,
न कभी खुद की परवाह करती है,
बहुत अनमोल है माँ तू मेरे लिए कि,
तू उस भगवान से भी ऊँचा दर्जा रखती है!!"
“तू मेरी लेखिका,तू ही मेरी जननी है,
अपने संस्कारों से माँ,तू हम सबको रचती है,
मेरी शब्द सीमा से बहुत ऊपर तेरी शख्सियत,
कि मेरी दुनिया माँ,बस तुझ में ही बसती है!!"-
रखकर 9 महीने अपने ज़िस्म के अंदर,
सहकर दर्द कितना तूने जन्म दिया...
जब जब चोट लगी मुझे,
मैंने हर आह में तेरा नाम लिया......!-
शब्दों में लगूं उतारने,
शाम से सुबह, सुबह से शाम होती है
आंचल में उसके ममता की छांव होती है
तुलना उसकी किसी रिश्ते से भला कहां
मां तो बस मां होती है...-
माँ एक ऐसा शब्द जो बहुत छोटी सी है पर जिसमें पूरी दुनिया समाई है । माँ न तो मेरी होती है और न तुम्हारी ,माँ तो हम सब की होती है । माँ के बिना पूरे संसार में किसी का अस्तित्व नहीं । माँ है तो हमसब है वरना कोई भी नहीं । हमें जब चोट लगती है तो सबसे पहले मुख से माँ शब्द निकलती है , एक बच्चा भी सबसे पहले माँ बोलने सीखता है । माँ एक ऐसा रिश्ता है जो हमारे जन्म से पहले ही जुड़ जाता है । माँ के बारे में जितना लिखूं कम है । कोई शब्द , कोई पंक्ति , कोई किताब भी माँ की परिभाषा नहीं दे सकती । माँ तो बस माँ है संसार में सबसे पूजनीय और सबसे प्यारी ।
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মাগো জনম জনম এভাবেই থাকতে চাই তোমার কোলে ছোট্ট শিশু হয়ে, তুমি আমার আদুরে মাঁ..!!
Panchanan Maiti,,,🌺🌺🙏🙏
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