Shiv Ani   (...)
289 Followers 0 Following

Joined 23 December 2019


Joined 23 December 2019
18 OCT 2024 AT 0:23





साथ तेरा बिछड़ा तो सबकुछ बिखरा है

तू हमारी कहानी का आधा हिस्सा है... ।।

-


10 MAY 2020 AT 10:27

शब्दों में लगूं उतारने,
शाम से सुबह, सुबह से शाम होती है
आंचल में उसके ममता की छांव होती है
तुलना उसकी किसी रिश्ते से भला कहां
मां तो बस मां होती है...

-


19 APR 2020 AT 14:48

गर्व होता है
अपने भारतीय होने पर...

-


15 APR 2020 AT 23:19

अचानक एक चीख सुनी जब
दौड़ी मैं बाहर आई...
लड़ रहा था मौत से कोई,
देख ये, मैं चिल्लाई... ।।
कोई न निकला घर से बाहर
आवाज भी थी मैने लगाई... ।।
धीरे धीरे आवाज दूर होती गई
चिल्लाना भी अब कम था...
फोन करके जब पूछा घर से अपने वो गुम था...।।
लगे ढूंढने, कहीं पड़ोस में तो नहीं है...
मेरे आंसू और धड़कन गवाही दे रहे थे
अब वो इस दुनियां में ही नहीं है...।।
घर का तो नहीं था मेरे वो
मगर परिवार जैसा था...
मन मुटाव रहता है घरवालों से उसके
मगर वो प्यारा जैसा था...।।
एक आस लेकर रोज आता था...
बच्चों से छुपाकर उसको बिस्किट रखा जाता था
डरते थे सब मगर मेरे पास दुम हिलाकर आता था...।।
फल सब्जी खाता, बिल्ली को भी मेरी उसने मारा...
माफ किया था अपराध ये भी, बन गया था दिल का दुलारा... ।।
लगाव मुझसे उसका, था भी कुछ निराला...
जात का कुत्ता, नाम ब्रोनी, शेर के मुं का आज बना निवाला...।।
बहुत लड़ा, सबको आवाज लगाई बड़ा चिल्लाया...
समझ सका न भाषा न ही कोई बचाने आया...।।
दिल के करीब था मेरे शायद तभी मुझ तक आवाज पहुंची
कुछ कर न सकी लेकिन, बेशक रोई चिल्लाई...
जान उस बेजुबां की फिर भी मैं बचा न पाई... ।।
दिल ये आज अपने उसी वफादार के लिए रोया है,
आज फिर इसने अपने एक करीबी को खोया है...।।

-


9 APR 2020 AT 22:27



आज चांद देखकर एहसास हुआ एहसास वो
विदेश में जब होते थे, चांद देखने वाली जिद को मेरी
फिल्मी कहते थे

दूर अलग अलग रहकर एक साथ एक ही चांद को देखना
कितना करीब ले आता था, कहां समझते थे

मैने कभी समझाया भी नहीं, बस यूं ही पूछ लेती थी
'वहां चांद दिख रहा है? ', जब भी बात करते थे

' रुक देखता हूँ ' उब कर गुस्से में बाहर निकलते
लगता था जैसे मेरे ही पास हो "हां दिख रहा है" जब कहते थे

मुलाकात तो साल में एक- आध ही होती थी
कभी कभार बस चांद पर ही मिल लिया करते थे

अब चाहती तो नहीं याद करो मुझे

फिर भी कभी याद आए तो देख लेना
ये वही चांद है पिछे आज भी इसके तुमको ढूंढा करते है

शायद वो फिल्मी जिद भी समझ जाओगे,
तब जो नहीं समझते थे...

-


27 MAR 2020 AT 17:47

नहीं अपनी उलझनों में तूझे भी घसीटना चाहती थी...
खुश रहे तू हमेशा, मेरी परेशानी से दूर रहे, मैं बस इतना चाहती थी.. ।।

हाँ स्वीकारना मुश्किल जरूर है, तेरा पराया हो जाना,
मगर दिल में खुशी है तेरे लिए, तो मुझसे यूं डर ना... ।।

मेरा डरना, रोना, घबराना, हड़बड़ाना...
समझ ले जैसे मौत देखकर किसी का छटपटाना,
तेरे बिना यही तो है, मर कर नया जीवन जीना...।।

ढुंढने से भी नजर नहीं आंउगी वादा है, मान यकीन
तेरी 'दुनिया बस जाना' भी दिल में अरमान था कहीं न कहीं... ।।

-


Seems Shiv Ani has not written any more Quotes.

Explore More Writers