कैफ़े की टेबल पर बैठे थे आमने-सामने,
कॉफी और हाथ दोनो एक साथ थामके!
बातों के सिलसिले इस कदर हमारे दरमियाँ होते रहे,
कि ना जाने कब-कब के किस्से सारे बयाँ होते रहे!
अभी तो कॉफी कप में लगभग पूरी पड़ी थी,
और उसके लौटने में अब बस थोड़ी घड़ी थी!
दिल बड़ा ही खुश हुआ था उसके आने से,
अब उससे ज़्यादा भर आया उसके जाने से!
लेकिन सुकूँ मिला कि हमारे चेहरे फिर खिलेंगें,
जब उसने हँसते हुए बोला 'फिर जल्दी ही मिलेंगें'!
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एक बार दिल मे कृष्ण मिल जाए,
तो फिर पूरा संसार कृष्ण ही लागे।
प्रेम से बोलो राधे राधे 🙏-
Phir milenge...
Ek time tha jab ek doosrey ke bahon mein hothey thay,
Der saari baathen aur romance karthey thay,
Ab sab kuch online hogaya hai,
Pyar, mohabbat bhi digital hogaya hai,
Yeh corona jabse bhaad jaisa aagaya,
Purey hindustan tho, kabristhan jaisa ban gaya,
Ek doosrey ko milne keliye taras gaye,
Yeh digital ki duniya se, jyaada hi thak gaye,
Kya hum phir se milke chalenge
Patha nahin, hum kab phir milenge..
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Unse bichde hue zamana hua.
Ab kyun lgta hai fir milenge kabhi..
उनसे बिछड़े हुए ज़माना हुआ ़
अब क्यूँ लगता है फिर मिलेंगे कभी ़़
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इस जहां में न सही, उस जहां में मिलेंगे.......
सारी बंदिशों को पार कर , उस दास्तां में मिलेंगे......!
ये दुनिया हमारे प्यार को , पवित्र नहीं समझती.....
इस दुनिया में नहीं, किसी और समां में मिलेंगे......!
तेरी बाहों में जो गुजर, कर लिपटे रहे.....
उस हसीन आसमां में मिलेंगे.......!
इस जहां में न सही, उस जहां में मिलेंगे.....!
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सोचा था जब मिलेंगे,
यह कहेंगे वो कहेंगे,
जब देखा तुम्हे तो बस देखते ही रह गए।-
Kuch din or sahi janaab
par jab milenge toh mulakaat
yaadgaar hogi .....-
मोतियों सी गिरती बहती बूँदें,
सागर से मिलती हैं जहाँ,जाना हम मिलेंगे वहाँ।
तपती दोपहरी के बाद शाम की झीनी चादर में
जहाँ लिपटता हो आसमाँ,जाना हम मिलेंगे वहाँ।
मज़हबी अँधियारों से दूर कहीं,मोहब्बत का
सवेरा हो जहाँ,जाना हम मिलेंगे वहाँ।
सदियों की बेचैनियाँ समेटे दो रुह
मिलते होंगे जहाँ,जाना हम मिलेंगे वहाँ।।
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Aye Ishq Hume Bhi Dekh
Zara, Yun Bhare Mehfil Me
Baithe Hai Tanha, Kuch Is Tarha, Na
Humse Tu Nazre Pher, Firr Na Hum
Milenge Tumse Kabhi Bhala...— % &-