दोस्ती रूह में उतरा हुआ
रिश्ता हैं साहब,
मुलाकातें कम होने से दोस्ती
कम नही होती . !!-
बादलों की ओट से किसी दिन,
तो सूरज निकलेगा जरूर!
सफर जारी रख जिंदगी का,
एक दिन तो वक्त बदलेगा जरूर!!
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महज़ एक बूंद का सैलाब हो जाना,
इश्क़ की कशिश है बेहिसाब हो जाना...-
कहां जाते हो अभी साथ गुजारो कुछ दिन
हम पे मुश्किल कोई आये तो किनारा करना,
कितना मुश्किल है जलाना किसी रास्ते में चिराग,
कितना आसान है हवाओ को इशारा करना...!
जिंदगी हम तो चलो मान गए सह भी गए,
ऐसा बरताव किसी से न दुबारा करना..!-
हर बात, लफ़्ज़ों क़ी मोहताज़ हो,
ये ज़रूरी तो नहीं,
कुछ बातें, बिना अल्फ़ाज़ के भी,
खूबसूरती से बोली और समझी जाती हैं ।-
तेरे दीदार केे खातीर आता हूँ तेरी गलियों में
वरना पूरा शहर पड़ा है आवारगी केे लिए...-
चेहरे बदल-बदल के मुझे मिल रहे है लोग,
यह भी जुल्म हो रहा है, मेरी सादगी के साथ...-
कैसे सीने से लगाऊं जब किसी और के हो तुम,,,
मेरे होते तो बताती मोहब्बत किसे कहते हैं।।-
भर जाएंगे जब ज़ख्म तो आऊंगा दुबारा,
मैं हार गया जंग पर दिल अभी नहीं हारा.!!-