शोख़ियों का सिलसिला,ग़म का ज़लज़ला है मोहब्बत ।ज़ुबाँ ख़ामोश निगाहें तूफ़ाँ,हाय क्या बला है मोहब्बत ।हम उस ओर ना जातेतो भी किधर जातेंमाना कि एक पल का सुकूँ, उम्रभर का गिला है मोहब्बत।नादाँ हैं वो जो सिर्फ़ जन्नत कहते हैं बेचैनियों का क़ाफ़िला हैसन्नाटों की अला है मोहब्बत।उसके हाथों में है मौत और ज़िंदगी मिल जाये तो दवा,दुआना मिले तो मर्ज़ है,मस’अला है मोहब्बत । -
शोख़ियों का सिलसिला,ग़म का ज़लज़ला है मोहब्बत ।ज़ुबाँ ख़ामोश निगाहें तूफ़ाँ,हाय क्या बला है मोहब्बत ।हम उस ओर ना जातेतो भी किधर जातेंमाना कि एक पल का सुकूँ, उम्रभर का गिला है मोहब्बत।नादाँ हैं वो जो सिर्फ़ जन्नत कहते हैं बेचैनियों का क़ाफ़िला हैसन्नाटों की अला है मोहब्बत।उसके हाथों में है मौत और ज़िंदगी मिल जाये तो दवा,दुआना मिले तो मर्ज़ है,मस’अला है मोहब्बत ।
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मेरी बेचैन रातों का हसीन ख़्वाब तुममेरे अहबाब,असबाब,मेरे रुहाब तुम । -
मेरी बेचैन रातों का हसीन ख़्वाब तुममेरे अहबाब,असबाब,मेरे रुहाब तुम ।
कौन कहता है इक हम ही को ग़म है इश्क़ किया है सब ने,सब ही को ग़म है । -
कौन कहता है इक हम ही को ग़म है इश्क़ किया है सब ने,सब ही को ग़म है ।
हमारी पूरी ज़िंदगी का भीहर वक़्त,हर पल हमारा नही होता।जिस पल में तुम थे,वो पल हमारा था, वो वक़्त हमारा था ।अब इन पलों को मैं क्यूँज़िन्दगी मानूँजिनमें तुम नही होमैं नही हूँ हम नहीं हैं । -
हमारी पूरी ज़िंदगी का भीहर वक़्त,हर पल हमारा नही होता।जिस पल में तुम थे,वो पल हमारा था, वो वक़्त हमारा था ।अब इन पलों को मैं क्यूँज़िन्दगी मानूँजिनमें तुम नही होमैं नही हूँ हम नहीं हैं ।
शोख़ियों का सिलसिला है,ग़मों का ज़लज़ला है मोहब्बत ।ज़ुबाँ ख़ामोश निगाहें तूफ़ाँ,हाय क्या बला है मोहब्बत । -
शोख़ियों का सिलसिला है,ग़मों का ज़लज़ला है मोहब्बत ।ज़ुबाँ ख़ामोश निगाहें तूफ़ाँ,हाय क्या बला है मोहब्बत ।
पिता घर की छत है ,तो बेटा चहारदीवारी होता है,छत ढहे ना इस बात की ज़िम्मेदारी होता है । -
पिता घर की छत है ,तो बेटा चहारदीवारी होता है,छत ढहे ना इस बात की ज़िम्मेदारी होता है ।
तुम्हारे ज़िक्र से गुलज़ार दिल-ए-ख़ुशफ़हम मानोमेरा इश्क़ सच्चा तुम बाकी सब कुछ वहम मानो।आँखों से जो दिख रहा सब धुँआ है,आँखों में जो दिख रहा उसी को अहम मानो। मेरे दर्द,मर्ज़,दवा,दुआ सब तुम हो,तुम ख़ुद को खुदा का मुझपे रहम मानो।मैं दिख रही तुम्हारे मानिंद जो अब,येच़राग-ए-हयात रौशन तुम्हारे बहम मानो।मेरा इश्क़ सच्चा तुम बाकी सब कुछ वहम मानो। -
तुम्हारे ज़िक्र से गुलज़ार दिल-ए-ख़ुशफ़हम मानोमेरा इश्क़ सच्चा तुम बाकी सब कुछ वहम मानो।आँखों से जो दिख रहा सब धुँआ है,आँखों में जो दिख रहा उसी को अहम मानो। मेरे दर्द,मर्ज़,दवा,दुआ सब तुम हो,तुम ख़ुद को खुदा का मुझपे रहम मानो।मैं दिख रही तुम्हारे मानिंद जो अब,येच़राग-ए-हयात रौशन तुम्हारे बहम मानो।मेरा इश्क़ सच्चा तुम बाकी सब कुछ वहम मानो।
भींगी भींगी सर्द सर्दगुलाबी फुहार की बातेंसुना रही है तुमको,मेरेइन्तज़ार की बातें।धीमी धीमी रोशनीआँख मूँदता आसमानधीरे धीरे कर रहा इश्क-ए-बहार की बातें।रंग है कि सपने तेरेख्वाब है कि चेहरा तेराआँखे कर रही तेरे दीदार की बातेंतुझमें सिमटी है फिज़ा सारीतुझसे महकी है हवा सारीहर ज़ुबाँ पर तेरेखुमार की बातें। -
भींगी भींगी सर्द सर्दगुलाबी फुहार की बातेंसुना रही है तुमको,मेरेइन्तज़ार की बातें।धीमी धीमी रोशनीआँख मूँदता आसमानधीरे धीरे कर रहा इश्क-ए-बहार की बातें।रंग है कि सपने तेरेख्वाब है कि चेहरा तेराआँखे कर रही तेरे दीदार की बातेंतुझमें सिमटी है फिज़ा सारीतुझसे महकी है हवा सारीहर ज़ुबाँ पर तेरेखुमार की बातें।
मेरा जो कुछ था सब-का-सब ले गया,इक शख्स गया मेरे जीने का सबब ले गया।मैं खाली सा हूँ अन्दर-बाहर से अब,वो मिरा इश्क,मेरी जान,मेरा रब ले गया।नशा ज्यादा है पहले से अब,जब से वो इश्क-ए-तलब ले गया।मैं मुरीद था एक खुदा था मेरा,वो मेरा खुदा,मेरा मज़हब ले गया। -
मेरा जो कुछ था सब-का-सब ले गया,इक शख्स गया मेरे जीने का सबब ले गया।मैं खाली सा हूँ अन्दर-बाहर से अब,वो मिरा इश्क,मेरी जान,मेरा रब ले गया।नशा ज्यादा है पहले से अब,जब से वो इश्क-ए-तलब ले गया।मैं मुरीद था एक खुदा था मेरा,वो मेरा खुदा,मेरा मज़हब ले गया।
मैं खुद का आसमान,खुद ही का सितारा हूँ।खुद ही से बैर मेरेखुद ही को प्यारा हूँ।खुद का मझदार हूँ मैंखुद ही का किनारा हूँ।खुद ही में डूबा मैंखुद ही का सहारा हूँ।मैं खुद ही से जीताखुद ही से हारा हूँ।मेरे सब द्वन्द खुद सेखुद ही के प्रेम का मारा हूँ। -
मैं खुद का आसमान,खुद ही का सितारा हूँ।खुद ही से बैर मेरेखुद ही को प्यारा हूँ।खुद का मझदार हूँ मैंखुद ही का किनारा हूँ।खुद ही में डूबा मैंखुद ही का सहारा हूँ।मैं खुद ही से जीताखुद ही से हारा हूँ।मेरे सब द्वन्द खुद सेखुद ही के प्रेम का मारा हूँ।