ग़म न करना.....!!!!!
अपनी ख़ुशियों को कभी कम न करना,
मैं जो मर जाऊँ कभी, तो ग़म न करना...!!
हाँ माना कभी मोहब्बत समझ न सकी,
मेरे मरने के बाद ये आँखें नम न करना...!!
ख़ुद को काबू में रखना मेरे जाने के बाद,
ग़म को कभी ख़ुशियों के सम न करना...!!
मत तड़पना रातों को जाग-जाग कर तुम,
दिल को रोशन रखना,कभी तम न करना...!!
उदास मत रहना जब कोई समझे न तुम्हें,
मुझे ख़ुद से जुड़ा समझकर हम न करना...!!
फ़रेबी ख़ूब बैठें हैं भेष बदल कर यहाँ जान,
बग़ैर जाने किसी को, हम-दम न करना...!!
अब और कुछ कहने की हालत में नहीं "नूर",
मैं जो मर जाऊँ, तो बस तुम ग़म न करना...!!-
नाराज रहु मैं तुमसे
ऐसी कोई बात नहीं ।
फिर मर जाऊ तुम बिन
अब इतनी तेरी औकात नहीं।।-
ए वक्त......
कुछ दिन से इसी कश्मकश में उलझा हूं,
कि ज़िन्दगी जी लूं या फिर अभी मर जाऊं..।।-
Mai Khudkushi Bhi Isliye Nhi Krti,
Agr Bach Jau To....!
Ghar Walon Ne Bahut Marna Hai....!! 😜😂😜-
Kabhi kabhi dil itna
udaas ho jata hai ki...
Mann karta hai
mar jau....💔-
Tu keh de to mai mar jau
Tu keh de to ji lunga mai
Tu baat maan na maan priye
Par koshish puri karunga mai-
अगर मैं मर जाउँ तो मुझे जला देना,
लेकिन उससे पहले मेरे दिल को निकाल लेना,
मुझे परवाह नहीं इस दिल के जल जाने की,
मुझे परवाह है इस दिल में रहने वाले की !!
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Kabhi mar jau,
To ankhein band na karna,
Bada intezaar kiya hai,
Apno ke pyaar ka.-
सुना है इश्क़
दुआ है, खुदा है, वफा है, सज़ा है
तेरे आईने में आखिर क्या है।
मैं भी यहीं हूं, तू भी यहीं है
लगता है फिर भी क्यूं हम जुदा है
कहने को तो साथ दुनिया है
सच तो ये, की सिर्फ तनहाईया है
तुम दूर जब भी मुझसे हो जाती हो
यादो की एक सूली गढ़ जाती है
मेरे आंखो में क्या हुआ है
आज कल तेरी तस्वीरें भी धुंधली पड़ जाती है
कुछ कहूं ये जरूरी तो नही ना
बिन बोले मेरी ख्वाहिश समझ जाओ ना
आखिर कब तक अकेले सफ़र करू
तेरा साथ मुझे चाहिए ना
मैं अकेला कभी भी रहता हू
तेरी तस्वीर संभाल लेती है
इश्क़ करना गुनाह है तो
सज़ा सिर्फ मीरा को क्यूं मिलती है।
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