भरोसा करो मेरी बात का।
जिंदगी हो तुम मेरी ।।
खैर बात भरोसे की है।
तो भरोसा तो जिंदगी का भी नहीं।।-
चाय से अलग रिश्ता है।
काले रंग से लगाव
रंग बहुतो ने दिखया है।
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परेशान करके पूछती हो।
तुम सोते क्यों नहीं।।
जब इतनी ही चिंता है।।
तो तुम मेरे होते क्यों नहीं।।-
अब ऐसे लफ्ज लाऊ कहा से।
जो सिर्फ़ तुझे सुनाई दे।।
देखने दे दुनिया को सूरज चांद तारे ।
मुझे तो सिर्फ तू दिखाई दे।।-
वो जो मुझसे सीखी हो।।
वो वफ़ा वहां भी निभाती हो।
या उसे भी मेरी ही तरह।।
उसके होने का झूठा दिलासा दिलाती हो।।-
तेरी मेरी बात भले ही अब एक किस्सा है।।
पर तू भी मेरी जिंदगी का एक अच्छा हिस्सा है।।-
सोच कही और की होती है।।
और तेरा खयाल आ जाता है।।
महफिल में बैठता मै हु
पर तेरा ही नाम आ जाता है।।
यूं तो हजार कोशिश की छिपाने की।।
पर कमबख्त इन आंखों में।
तुम्हारे लिए प्यार आ जाता है।।-
मै हमदर्दी और खैरात के मिले
सिक्के मोड़ देता हु।।
मै जिनको बोझ लगता हूं ना।
मै उन्हें खुद छोड़ देता हु।।-
तुम मेरे साथ भी धनतेरस मना सकते हो।।
मैं भी तो तुम्हारा सबसे कीमती धन हूं।।-