मुसाफिर हूँ.
गुजर जाऊंगा तू दगा कर वफा कर.
मैं नादान हूँ कहां सुधर जाऊंगा.
उठता सा धुआँ नशेमन से मेरे
हवा चली तो बुझा दिया जाऊंगा.
महगें लिबास महलो के,मिट्टी की
तकदीर को सिलाने कहां जाऊंगा.
मोहब्बत ये सफर खुदा मेरा ना था
आशिक़ हूँ जान भुला दिया जाऊंगा.
आसमा का चाँद आसमा को मुबारक
मैं बोझ हूँ एक दिन उठा लिया जाऊंगा.
-