Shikha Malik   (शिखा मलिक)
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Joined 21 May 2017


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11 APR 2024 AT 14:05

I know I am posting after a long time.
Thank you all for your patience ❤️😊

आप में से बहुत लोगों ने मुझसे पूछा था कि मैं instagram पर हूँ या नहीँ..

So here is the Good News 😍✌️

Now You can follow me on my Instagram account also

Instagram Handle ➡️ shikha.malik_

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13 AUG 2020 AT 16:37

मुस्कुराते बहुत हो, खुश लगते क्यों नहीं
यादें छुपाते बहुत हो दफनाते क्यों नहीं

जिन्होंने पलटकर न पूछा हाल-ए-दिल तक
उनकी सलामती की दुआ माँगना छोड़ते क्यों नहीं

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11 AUG 2020 AT 20:54

अल्फ़ाज़ों को 'राहत' मिलती थी उतरकर शायरी में जिनकी
दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे अलविदा कह गए जो इंदौरी जी

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11 AUG 2020 AT 18:35


मोहब्बत हुई
मोहतरमा गयी
महफ़िल सजी
मशहूर कर गयी

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9 AUG 2020 AT 14:26

तेरा इश्क़ तो मेरी नफरत से भी कमज़ोर निकला
जो 'तबाह' न कर सका मुझे तो 'तन्हा' छोड़ गया

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10 JUN 2018 AT 11:11

On college farewell:-

''I will miss you'' she said.
''I will miss you too'' he smiled.

''I wish I could let you know how much I love you..''
both thought while hugging each other the last time..

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3 SEP 2017 AT 12:56



''No matter if we can't be together
I will always put my best efforts
to make you shine forever...''
Whispered the Sun,
looking into the eyes of Moon.

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5 AUG 2017 AT 12:13

The mother in old age home
was restless whole day
just to hear a single call.

But her only son
was busy in selecting the right pics
to be posted on Mother's Day Special.

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31 JUL 2020 AT 5:01

हमारी इतनी सी बात पर हंगामा हो गया
हमने उनके जुर्म को उनका कह दिया

ज़ख्म-ए-जिगर झेलता रहा उनके सारे तीर
और उन्होंने एक दिन हमें पराया कह दिया

रखी थी यादें संजो कर दिल-ए-तहखाने में
जो झाँका उन्होंने तो हमें लुटेरा कह दिया

माँ बाप ने बड़े शौक से देखे थे सपने महल के
इकलौती औलाद ने रहने को बसेरा दे दिया

रात भर जलाये थे जो सपनों के दीये
हकीकत की आंधी में दीये सवेरा ले गया

नुक्कड़ पर जो सच झूठ का झगड़ा हुआ था न
उस धक्का-मुक्की में बेचारा वो सच मर गया

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30 JUL 2020 AT 5:31

काफी दूर तक चलता है वो आँसू , आँखों से जो बह नही पाता
काफी देर तक हंसता है वो माशूक, दर्द-ए-दिल जो कह नहीं पाता

कोई तो चुरा ले जाता है होश-ए-नींद-ए-जिगर तक
और एक हम हैं जिसे नज़रें भी चुराना नही आता

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