" अधूरे रिश्ते "
सीने में कैद अधूरे रिश्ते की दास्तान,
इस जनम पूरे ना होने का दुख अब तक है।।
गुलाब सी महकने वाली चाहत की दहलीज पर,
कांटों की उमड़ी भीड़,दिल में दफ़न अब तक है।।
प्यार मोहब्ब्त इश्क़ के वादे निभाने के बाद भी,
बेउम्मीद से कड़वे बोलों का ज़हर अब तक है।।
मुस्कराते,खिलते होंठों की वज़ह के खोने से,
चहरे पर थोड़ी बहुत उदासी अब तक है।।
पहली आरज़ू,पहला साथ, नफ़रत हो या गुस्सा
पहले प्यार का नशा,जहन में अंत तक है।।
@tani
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वैसे तो मुझे,
हद भी हद में पसंद है,
लेकिन मोहब्बत में,
हद भी हद से ज्यादा पसंद है।-
बेड़ियों से क्यूँ जकड़ू उसको,
आजाद घूमने का शौक तो उसे भी हैं...!
खोल दिया पिंजरों का द्वार मैं, उसे उड़ने के लिए,
क्यूंकि आसमां चूमने का शौक तो उसे भी हैं...!!-
कहो ! किस की जमीन पर मैं अपना आंसू गिराऊं..
यहां सब की जमीन बिकी हुई है!!-
अगर किसी को चाहने की कोई हद भी होती ना
मुझे पता है तब भी तुम मुझे बेहद ही चाहते।।।
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"कुछ नहीं" कहने पर भी
"क्या हुआ" बार बार मत पूछा करो ना
आँसुओं को रोकने की भी
एक हद होती है........-
उसने भी जीवन देखा है तरुणाई यौवन देखा है
पथराई आँखों ने अबतक कितना हीं सावन देखा है
तुम को है होश कहाँ इस क्षण वह कितना पतझर देख चुका
उसे पता है प्रेम प्रदर्शन और संस्कार के बीच कहाँ वह रेखा है-
इरादातन चुप्पी नहीं है हमारी,
बस कुछ अच्छे के लिए,
कभी कुछ बुरा भी होना पड़ता है,-