I too had a finger to point,
and a point to prove
It's just that,
I don't prefer to be you.
-
। गली का कुत्ता
आप जिसे गली के कुत्ते कहकर हिक़ारत की निगाह से देखते हो, वो असल में ‘आज़ाद कुत्ते’ हैं।
देखा नहीं कभी आपने वो गली के कुत्ते पट्टे से बंधे कुत्तों को देखकर कैसे ज़ोर ज़ोर से आवाज़ लगाते हुए कहते हैं,
“मत कर तू किसी की ग़ुलामी चंद रोटी के टुकड़ों के लिए,
इससे अच्छा है तू भूखा मर जा, या मर जा सर्दी गर्मी से”-
ये बीत गए जो पल हैं,
वो ठहरे ना थे क्यों !
आफ़ताब की पहली किरन,
अब खेले मुझसे क्यों !
सोचूं मैं यूं रात भर,
ये साए गुम है क्यों !
हर पहर सवाल है
क्या ये मेरा हाल है ||
रास्ते की चाह में,
ये पहेलियाँ ही क्यों !
नज़र मिली थी एक दफा,
अब आँखे तरसे क्यों !
ना है कोई भी पास मेरे,
ये आहट है तो क्यों !
हर पहर सवाल है
क्या ये मेरा हाल है ||
-
न डरते है किसी से
न डराते है किसी को
फिर जो अगर कोई भीड़ जाए कभी तो
फिर उसे जड़ से उखाड़ते भी है।।-
सुकून,,, सिर्फ एक शब्द नहीं हैं,
ये तो एहसास- ऐ- जन्नत हैं,
बरसो बाद पूरी हुई वो एक,
अधूरी सी मन्नत हैं,
बस सुकून हैं और हाँ हैं।
ये सिर्फ कहने भर का नहीं हैं,
जिन्होंने महसूस किया हैं वो जानते हैं,
इस एहसास को सबसे खास मानते हैं,
और आज मैंने भी जाना हैं,
उसे हर तरह से अपना माना है,
मैं हूँ थोड़ी सी पागल,
पर वो पूरा दीवाना हैं,
हाँ, ये सुकून ही तो हैं।
जो मुझे उससे और उसे मुझसे मिला हैं,
अब ना ज़िंदगी से कोई शिकवा हैं,
और ना ही कोई गिला हैं,
ऐसा लग रहा हैं.. जैसे,
रेगिस्तान मैं कोई सुंदर फूल खिला हैं,
इश्,, ये जरूर थोड़ा सा फ़िल्मी है,
लेकिन मुझे हमेशा खलती उसकी ही कमी हैं,
आज दूर हैं तो क्या हुआ,
एक दिन तो पास आना हैं,
जब वो कहे ओए पागल लड़की,
तब हँस कर मैं भी कह दूँ,
ये लड़का तो आज भी दीवाना हैं,
बस इसी उम्मीद मे तो जिए जा रही हूँ,
हाथो मे हैं उसकी तस्वीर,
और मैं दिल कि बात,
उससे जुड़े हर जज्बात,
एक कोरे कागज पर लिखें जा रही हूँ,
बस... लिखें जा रही हूँ।
- Vaishali Mittal
-
इंसान हो कर इंसान को इज़्ज़त नहीं दे सकते जो,
कुछ और ही होंगे, इंसान तो नहीं हो सकते वो।-
सदाक़त की राहें बेशक काँटों से भरी है,
नक़ली फूलों से वो फिर भी भली है।-
A friend said “now a days divorce rate is escalating, specially coz women earn quite sufficient, so they have lost tolerance and jump to divorces”.
Question to all my friends with this opinion is -
so it was okay when women had no voice nor had ability to be financially independent, but it is not okay when they have say and don’t wanna Tolerate??
-